नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा डिजिटल रुपये (Retail Digital Rupees) की पेशकश के लिए पहली पायलट परियोजना गुरुवार को शुरू कर दी। पहले चरण में इस पायलट प्रोजेक्ट को चार शहरों में शुरू किया गया है। ये चार शहर मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर हैं। रिटेल डिजिटल रुपया प्रोजेक्ट एक सीमित यूजर ग्रुप के बीच शुरू हुआ ह। इस प्रोजेक्ट में चार बैंकों के साथ ग्राहक और व्यापारी लेनदेन कर पाएंगे। ये चार बैंक- भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक हैं। इसके पहले आरबीआई ने एक नवंबर को थोक डिजिटल रुपया के लिए भी एक पायलट योजना शुरू की थी। उसके एक महीने बाद खुदरा डिजिटल रुपये की पेशकश की गई है।
खुदरा डिजिटल रुपया परियोजना के दूसरे चरण में नौ अन्य शहरों तथा चार अन्य बैंकों को शामिल किया जाएगा। डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन है, जो कानूनी रूप से वैध है और भौतिक नकदी की सभी विशेषताएं इसमें शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने 29 नवंबर 2022 को इस पायलट परियोजना की घोषणा करते हुए कहा था. नकदी के मुकाबले इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंक जमा जैसे अन्य नकदी रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और यूजर पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे। यह लेनदेन पी2पी और पी2एम दोनों को ही किए जा सकेंगे। आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा और अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा।
यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में चार शहरों को कवर करेगा। ये शहर मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर हैं। इसके बाद इस पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोचीन, लखनऊ, पटना और शिमला में होगा। इस प्रोजेक्ट का विस्तार धीरे-धीरे अन्य बैंकों, जगहों और यूजर्स के बीच होगा।