Anil Bagora-Sunil Paliwal
इंदौर. श्री चारभुजानाथ भक्त मंडल एवं पालीवाल बंधु के तत्वाधान में ब्रह्मलीन श्री शंभुलाल पिता तुलसीराम व्यास (महाराज) की प्रेरणा से प्रभु चारभुजानाथ की भव्य पैदल यात्रा का निरंतर 38 वां वर्ष हैं. उक्त यात्रा में पदयात्री श्रध्दा भक्ति एवं प्रभु के प्रति समर्पण भाव का संकल्प देकर पद यात्रा में भक्तगण शामिल होने के लिए आज से मंदिर परिसर में पधारने लग गए हैं.
इंदौर से प्रभु श्री चारभुजानाथ मंदिर राजस्थान तक लगभग 550 किलो मीटर से ज्यादा की यात्रा करने हेतु सैंकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष पदयात्री दिनांक 17 अगस्त 2025 रविवार को प्रभात फेरी के रूप में श्री चारभुजानाथ मंदिर परिसर, पालीवाल धर्मशाला इंदौर से श्री चारभुजा (गढ़बोर) राजस्थान के लिए प्रस्थान रवाना होगें.
प्रभु यात्रा इंदौर से कल दिनांक 17 अगस्त 2025 रविवार को रवाना होकर 3 सितंबर 2025 बुधवार तक निरंतर जयघोष के साथ भक्त अपनी सेवाएं प्रभु आराधना भक्तिमय भाव में दिखाई देगें. रात्रि विश्राम के पूर्व पैदल यात्री प्रतिदिन पूजा-अर्चना कर भजन कीर्तन का दौर चलता रहेगा.
पैदल यात्रा में शामिल होने के लिए पदयात्री श्री चारभुजानाथ मंदिर इंदौर रात्रि जागरण में दुर-दराज से यात्रा में शामिल होने के लिए मंदिर परिसर में पहुंच रहे हैं. श्री चारभुजानाथ भक्त मंडल द्वारा ब्रह्म मुहर्त में सुबह 5. 30 बजे हनुमान चालीसा, चतुर्भूज पच्चीसी पाठ, मंगला आरती के पश्चात् इंदौर से श्री चारभुजा जी के लिए सादगी पूर्ण पदयात्रा में प्रारंभ करते हैं.
श्री चारभुजानाथ मंदिर इंदौर से प्रारंभ होकर पदयात्रा चारभुजा मंदिर (गढ़बोर) राजस्थान जलजुलनी एकादशी पर पहुंचेगी. पदयात्रा में शामिल भक्तों का जगह-जगह स्वागत होता हैं. जो अदभूत एक नजारा देखने को मिलता हैं.
पद यात्रा व्यवस्था सेवा समिति द्वारा चारभुजानाथ भक्त मंडल, पालीवाल बंधुओं के तत्वाधान में निकलने वाली प्रभात फेरी में प्रतिवर्षानुसार इंस वर्ष पैदल यात्रा प्रभातफेरी शोभायात्रा में पदयात्रीयों का विभिन्न मंचों से भव्य स्वागत होगा. इस दौरान पालीवाल समाज के समाजबंधु श्री चारभुजानाथ भक्त मंड़ल के पदयात्रीयों को स्वागत, वंदन सत्कार कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हुए शुभकामनाएं देते हुए आगामी यात्रा के लिए रवाना करेंगे.
सूचना : आप सभी धार्मिक भक्तजनों से अनुरोध है कि कल दिनांक 17 अगस्त 2025 रविवार को सुबह 5 : 00 बजे प्रभात फेरी में पहुंचकर धर्म लाभ जरूर लें.
बता दें : श्री चारभुजा भक्त मंडल एवं पालीवाल बंधु एवं शंभु महाराज एक दूसरे के प्रतिबिंब थे. यात्रा ही जिनकी पहचान थी. पदयात्रा में विगत कई वर्षों से यात्रा का दायित्व व्यवस्थापक के रूप में बखुबी से निभाया एवं कई युवाओं को धर्म मार्ग पर जोड़ा.