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Indore : 'मांग में सिंदूर नहीं लगाना पति के साथ क्रूरता'?,- कोर्ट

इंदौर Published by: Pushplata Updated Fri, 22 Mar 2024 01:30 PM
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Indore News: हिन्दू धर्म में शादी के बाद विवाहित महिलाएं मांग में सिंदूर भरती हैं। इसका धार्मिक महत्व होता है। पति की लंबी उम्र की कामना के लिए पत्नी मांग में सिंदूर भरती है। पुराने रीति-रिवाजों को मानने में आजकल के टेक-फ्रेंडली जनरेशन कम मानता है। इसी तरह के एक मामले में विवाहित महिला के सिंदूर न लगाने को लेकर इंदौर कुटुंब न्यायालय ने टिप्पणी दी है। उसमें कहा गया है कि पत्नी का सिंदूर नहीं लगाना एक प्रकार से क्रूरता की श्रेणी में आता है।

पति के पास वापस लौटने के दिए आदेश Indore News

कुटुंब न्यायालय ने सिर्फ टिप्पणी नहीं की, बल्कि पति से दूर रह रही पत्नी को तुरंत वापस लौटने के निर्देश भी दिए। न्यायालय ने मामले में फैसला पति के पक्ष में सुनाया। कुटुंब न्यायालय पारिवारिक मामलों के लिए बनी अदालत है। इस मामले में कोर्ट ने कुल 11 पेजों में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह माना कि पति ने पत्नी को नहीं छोड़ा है, बल्कि पत्नी खुद अपनी मर्जी से अलग हुई है।

पति ने दायर की थी याचिका Indore News

बड़ी बात ये है कि पत्नी के पास पति से अलग रहने की कोई ठोस वजह भी नही है। दोनों पति-पत्नी पिछले 5 साल से एक-दूसरे से अलग रह रहे थे। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 9 को लेकर प्रार्थी पवन यादव अपनी शादीशुदा जिंदगी को ठीक करने के लिए याचिका दायर की थी। वकील शुभम शर्मा ने कोर्ट को बताया कि पिछले पांच वर्ष से पत्नी बिना खास वजह के पति से अलग रह रही है।

पति के पक्ष में सुनाया फैसला Indore News

पति के वकील का कहना है कि महिला विवाहित होते हुए भी सिंदूर नहीं लगाती है। कोर्ट में बयान देते वक्त भी पत्नी ने सिंदूर नहीं लगाया था। इस बारे में सवाल पूछने पर पत्नी ने यह बात स्वीकार की थी कि चूंकि वह अलग रह रही है इसलिए उसने सिंदूर लगाना बंद कर दिया है। इस पूरे मामले में पत्नी ने पति पर दहेज मांगने, नशा करने और घूंघट के लिए परेशान करने जैसे आरोप लगाए हैं। इस पर कोर्ट प्रार्थी यादव के वकील के तर्कों से सहमत हुआ। पति के पक्ष में आदेश देते हुए कोर्ट ने पत्नी को आदेश दिया कि वह पति के पास लौटे।

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