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Indore News : चंद्रप्रभु मांगलिक भवन पर हुआ उदारसागर म.सा. का ससंघ पिच्छी परिवर्तन समारोह

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Tue, 10 Dec 2024 01:12 AM
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चातुर्मास सेवा समिति की ओर से संतों के आहार, निहार एवं चौके की व्यवस्था में सहयोग देने वाले बंधुओं का सम्मान

इंदौर. एयरपोर्ट रोड, अंजनि नगर स्थित श्री चंद्रप्रभु मांगलिक भवन पर प.पू. आचार्य श्री उदारसागरजी म.सा. ससंघ का पिच्छी परिवर्तन समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। राज्य के विभिन्न शहरों, कसबों के समाजबंधु भी इस उत्सव में शामिल हुए। अंजनि नगर जैन समाज की ओर से विशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें समाज की महिलाओं अपने सिर पर पिच्छी रखकर नृत्यगान कर मांगलिक भवन का सफर तय किया। 

अंजनि नगर चातुर्मास सेवा समिति की ओर से देवेन्द्र सोगानी, राजेश वेद एवं ऋषभ पाटनी ने बताया कि मंगलाचरण सुश्री जीव पाटनी एवं आयुषी ने किया। दीप प्रज्ज्वलन बाहर से आए अतिथियों एवं समाजबंधुओं के हाथों कराया गया। इस अवसर पर अंजनि नगर चातुर्मास सेवा समिति की ओर से शहर में जितने भी दिगम्बर जैन संतों का चातुर्मास संपन्न कराया गया.

उन सभी चातुर्मास समिति के अध्यक्षों, कैलाश लुहाड़िया, धमेन्द्र बघेरवाल, नरेन्द्र वेद, मयंक जैन आदि का सम्मान किया गया। इसी तरह चातुर्मास के दौरान जिन श्रावकों ने संतों के आहार और निहार एवं चौके की व्यवस्था  में सहयोग प्रदान किया उनका भी सम्मान किया गया। मंगल कलश लेने वाले परिवारों को प.पू. आचार्यश्री द्वारा कलश वितरित किए गए। इसके बाद गुरूदेव की मुख्य पिच्छी विजयनगर वाले डॉ. जैन एवं मुनिश्री उपशांत सागर की पिच्छी अंजनि नगर के अशोक पंचरत्न परिवार को प्राप्त हुई।

इस अवसर पर दोनों प्रसंगों में सामाजिक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी एवं नरेन्द्र वेद अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अन्य अतिथियों में अमित कालसीवाल, नकुल पाटोदी, डीएसपी जैन, कैलाश वेद, गौतम जैन, कैलाश नेताजी, मनोहर झांझरी आदि भी विशेष रूप से उपस्थित थे, जिनका स्वागत सम्मान देवेन्द्र सोगानी, ऋषभ पाटनी, आशीष वेद, धमेन्द्र बाकलीवाल, राहुल गोधा, चंद्रकुमार गोधा, अभय जैन, संजय मोदी, अशोक टोंग्या, राजेश काला, जैनम वेद  एवं चातुर्मास समिति के सदस्यों ने किया। 

कार्यक्रम में मुनिश्री उपशांतसागर ने आचार्यश्री उदारसागर म.सा. से जुड़े प्रेरक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने वैराग्य की ओर कदम बढ़ाया। इसी तरह सिद्धरवकुट की धर्मेन्द्र बाकलीवाल द्वारा कराई गई यात्रा का भी उल्लेख किया और उन्हें संघपति की उपाधि प्रादान की।

आचार्यश्री उदारसागर म.सा. ने अपने चातुर्मास काल से जुड़े प्रेरक प्रसंग बताए और कहा कि जिस तरह हम संतों को समाज के कल्याण का अवसर मिलता है, उसी तरह समाज की जरूरत भी हम संतों को होती है। दोनों के सामंजस्य से ही चातुर्मास सार्थक होता है और समाज आगे बढ़ता है। उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं अपनी पिच्छी दे तो रहा हूं, लेकिन यह पिच्छी लेने वालों का पीछा नहीं छोड़ेगी।

प्रारंभ में चातुर्मास समिति के अध्यक्ष राजेश वेद ने गुरू महिमा का वर्णन किया और संतों की मौजूदगी को अंजनि नगर के लिए सौभाग्य का विषय बताया। समिति के संरक्षक देवेन्द्र सोगानी ने गुरू की महिमा बताई और समिति के सभी सदस्यों के साथ संतों के आशीर्वाद प्राप्त किए। संचालन श्रीमती अनामिका-मनोज बाकलीवाल, संगीता-विनायक एवं पं. अर्पित-वाणी ने किया। आभार माना ऋषभ पाटनी ने । प्रचार मंत्री नितिन पाटोदी ने बताया कि आचार्यश्री 11 दिसंबर की शाम को बासा दमोह के लिए विहार करेंगे।

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