नई दिल्ली. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली फ्लाइट सफल तरीके से लैंडिंग कराई गई. इंडिगो के विमान को जेवर एयरपोर्ट के रनवे पर उतारा गया. एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि डीजीसीए से हरी झंडी के बाद रनवे ट्रायल आयोजित किया जा रहा है. इसकी सारी तैयारी पहले ही कर ली गई थी. 7 अप्रैल 2025 से कमर्शियल उड़ानें होंगी शुरू.
नाइल के अधिकारियों ने बताया था कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का विमान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा. रनवे पर विमान की लैंडिंग व टेक ऑफ के जरिये ट्रायल की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
नाइल के अफसरों के मुताबिक एयरपोर्ट पर विमान उड़ाने का ट्रायल सोमवार यानी 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा. इसके बाद एयरपोर्ट से कमर्शियल सेवा शुरू करने के लिए डीजीसीए में एरोड्रम के लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.
माना जा रहा है कि अगर ट्रायल रन वक्त रहते होगा तो नोएडा एयरपोर्ट पर 17 अप्रैल 2025 से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी. एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं. एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्टूबर 2024 तक जांच की जा चुकी है.
एयरपोर्ट पर अप्रैल में शुरुआत से साठ घरेलू विमान सेवा होंगी. इंडिगो, अकासा के साथ इसके लिए अनुबंध हो चुका है. घरेलू सेवा में लखनऊ, अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, आदि प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवा होगी। ज्यूरिख, सिंगापुर और दुबई के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान के साथ दो कार्गो सेवा शुरू होगी.
एयरपोर्ट में केवल टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य ही शेष है. सिविल कार्य के बाद आंतरिक साज सज्जा शुरू होगी, इसमें भी भारतीय संस्कृति की झलक होगी. एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के डिजायन में भारतीय संस्कृति को केंद्र में रखा गया है. सीढ़ियां बनारस के घाट और छत गंगा नदी की लहरों से प्रेरित हैं. प्राचीन वास्तुकला में हवेलियों से प्रेरित प्रांगण और हवादार बनाने के लिए खिडकियों को जालीदार बनाया गया है. एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों के लिए पांच सितारा होटल का निर्माण हो रहा है.