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indore news : स्व. पं. बापूराव अग्निहोत्री एवं दिवंगतों को स्वरांजलि

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Sun, 06 Aug 2023 12:30 AM
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स्वर मल्हार में ख्यात कलाकारों की मंझी हुई प्रस्तुति

इंदौर :

श्रुति संवाद समिति एवं अभिनव कला समाज द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम ‘स्वर मल्हार’ का शनिवार को आगाज हुआ। आयोजन में ख्यात हार्मोनियम मनीषी स्व. पं. बापूराव जी अग्निहोत्री एवं हाल ही में दिवंगत हुए वरिष्ठ कलाकारों को स्वरांजलि अर्पित की गई। 

आयोजन की शुरुआत शहर के नामचीन गायक एवं संगीत मार्तंड पं. जसराज जी के शिष्य पं. दिलीप मुंगी के गायन से हुई। आपने अपने गायन की शुरुआत राग मियां मल्हार में निबद्ध एक ताल की बंदिश ‘करिम नाम तेरो’ से की। इसके बाद मध्यलय त्रिताल की बंदिश ‘घन बरजत गरजत बूंद-बूंद’ पेश कर आपने मेवाती घराने की रंजक खूबियां दिखाई। अंत में राग जय-जयवंती में निबद्ध त्रिताल मध्यलय की बंदिश ‘सखी री अब तू मत करे बात’ पेश कर आपने गायन को विराम दिया और दर्शकों से बखूबी दाद बटोरी। आपके साथ तबले पर पं. बालकृष्ण सनेचा एवं हार्मोनियम पर पं. संतोष अग्निहोत्री ने मंझी हुई संगत से साथ दिया। 

द्वितीय सत्र की प्रस्तुति ग्वालियर घराने के वरिष्ठ गायक  पं. सुनील मसूरकर के नाम रही। आपने राग मालकौंस पर आधारित विलंबित एक ताल की बंदिश ‘पीर ना जानी रे बलमा’ पेशकर अपने सुदीर्घ सांगितिक यात्रा का विशेष परिचय दिया। इसके पश्चात मध्यलय त्रिताल की बंदिश पेश कर मालकौंस की प्रस्तुति को मूर्तरूप दिया। अंत में मिश्र मल्हार पर आधारित कजरी ‘रूम झूम के बरसन लागी बदरिया’ पेश कर राग मल्हार के विभिन्न छंटाओं का प्रदर्शन कर बेहद सुरीले अंदाज से अपनी प्रस्तुति को नवाज़ा। आपके साथ तबले पर ख्यात तबलानवाज़ पं. हितेन्द्र दीक्षित एवं हार्मोनियम पर पं. देवेन्द्र कोठारी ने बेहद सधी हुई संगत की।

इस कार्यक्रम के अंतिम सत्र में विख्यात सितार वादक पं. अरुण मोरोणे ने राग मेघ मल्हार में आलाप, जोड़, झाला का बखूबी प्रदर्शन कर दर्शकों को बेहद रिझाया। आपका वादन अत्यंत प्रभावशाली रहा। अंत में आपने राग भैरवी पर आधारित एक धुन से अपनी प्रस्तुति का समापन किया। तबले पर पं. हितेन्द्र दीक्षित ने संगत कर महफिल में दर्शकों से वाहवाही लूटी।

स्वर मल्हार आयोजन के दूसरे दिन आज बड़ौदा से आमंत्रित स्व. पं. बापूराव जी के शिष्य पं. देवेन्द्र कोठारी का हार्मोनियम सोलो वादन होगा। साथ ही डॉ. शिल्पा मसूरकर, पं. गौतम काले एवं डॉ. पूर्वी निमगांवकर मुख्यत: राग मल्हार पर आधारित उपशास्त्रीय रचनाएं पेश करेंगे। अंत में पं. सचिन पटवर्धन स्पेनिश वीणा वादन प्रस्तुत करेंगे। 

कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं उस्ताद अल्लाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे के करकमलों से हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रवीण कुमार खारीवाल, संजीव आचार्य, सत्यकाम शास्त्री, डॉ. प्रशांत बंसोड़, विश्वास पुरकर, पं. सुनील मसूरकर एवं अन्य गणमान्य लोगों ने किया। कार्यक्रम का सूत्र संचालन रोहित अग्निहोत्री ने किया एवं आभार खगेश रामदुर्गेकर ने माना। कार्यक्रम सभी संगीत प्रेमियों के लिए खुला है।

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