इंदौर. शहर के 7 थाना इलाकों में अब हर मोहल्ले के लिए एक सिपाही को इंचार्ज बनाया जाएगा, ताकि यहां पुलिस आसानी से लोगों तक पहुंच सके। बारीकी से अपराधियों की छानबीन हो सके। बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों की पुख्ता सुरक्षा हो सके। यह प्लान अफसरों ने बनाया है। इस पैटर्न पर काम करने वाले पुलिसकर्मियों का मूल्यांकन भी होगा कि वे कितना काम कर पा रहे हैं या नहीं।
लोगों की सुरक्षा को और ज्यादा पुख्ता करने, चोरियां रोकने और बदमाशों की ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए पुलिस जोन-2 सर्कल में नया परिवर्तन होने वाला है। सबसे ज्यादा ध्यान बायपास सहित उन बाहरी कॉलोनियों के लोगों पर दिया जा रहा है, जहां पहले पुलिस ज्यादा नहीं पहुंच पाती थी। कई कॉलोनियां ऐसी भी हैं, जो भौगोलिक दृष्टि से बड़ी हैं, लेकिन वहां अभी 5-10 प्रतिशत घर ही बने हैं।
लोगों को भी इसकी जानकारी देने के लिए 2000 से ज्यादा पोस्टर दीवारों पर लगाए हैं। इन पोस्टर में इलाके में आने वाली बीट के पुलिसकर्मियों, थाने और टीआई के नंबर लिखे हैं। लोगों को किसी घटना की सूचना या शिकायत करना है तो वे सीधे अपनी बीट वाले को फोन कर सकेंगे।
एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के अनुसार जोन के अंतर्गत तिलक नगर, खजराना, कनाड़िया, परदेशीपुरा, एमआईजी, विजय नगर और लसूड़िया थाने आते हैं। इन थानों में फील्ड में काम करने के लिए अभी 23 बीट हैं। हर बीट में 12-15 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। माइक्रो बीट को जांचने के लिए एसीपी और टीआई स्तर के अफसरों को जिम्मेदारी दी है। फोन आने पर संबंधित पुलिसकर्मी ने कैसा रिस्पांस दिया, पुलिस कितनी देर में पहुंची और वहां समाधान हुआ या नहीं, ये सभी जांचा जाएगा।
इन इलाकों में पुलिस ने पेट्रोलिंग के नए स्थान भी चिह्नित किए हैं। यहां अल्टरनेट डे पर चेकिंग पॉइंट लगेंगे। साथ ही एक पेट्रोलिंग टीम भी काम करेगी। संबंधित इंचार्ज को पुलिसकर्मियों से रोजाना यहां रहने वाले अपराधियों की जानकारी लेना है। नाबालिग अपराधियों के परिजन से बात करेंगे। उनकी काउंसलिंग करेंगे।
बीट को और ज्यादा छोटे स्तर पर बांटा गया है। इसके तहत अब 23 बीट को 190 माइक्रो बीट में डिवाइड कर दिया है। हर माइक्रो बीट का इंचार्ज एक पुलिसकर्मी होगा। इससे हर पुलिसकर्मी अपने इलाके के हर मोहल्ले की पूरी जानकारी रख सकेगा।