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लडक़ी के मां-बाप फरार : नाबालिग का निकाह कराने वाला मौलवी पुलिस के हत्थे चढ़ा

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Fri, 17 May 2024 10:00 AM
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इंदौर. 15 साल की नाबालिग का निकाह पढ़वाने वाला मौलवी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया, लगभग 4 माह से फरार मौलवी को चंदन नगर की मस्जिद से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गोदाम में गुपचुप तरीके से विवाह करवाने वाले दूल्हे, सास और लडक़ी की बुआ को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जिनकी जमानत भी कोर्ट ने निरस्त कर दी थी, अब पुलिस को लडक़ी के माता-पिता की तलाश है.

14 जनवरी 2024 को धार जिले के सरदारपुर से इंदौर लाकर 15 वर्ष की नाबालिग बेटी का विवाह माता-पिता ने गुपचुप तरीके से एक गोदाम में ले जाकर चंदन नगर क्षेत्र के 32 वर्षीय युवक अकबर पिता मोहम्मद सलीम के साथ कर दिया था. विवाह के बाद बालिका अपनी ससुराल में रही, लेकिन जब उसके साथ ससुराल पक्ष द्वारा मारपीट की गई तो उसने हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंचा. जहां कार्रवाई करते हुए समिति ने बालिका को बुलाकर कथन लिए तथा इसकी जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी.

सूचना मिलने पर विभाग की सुपरवाइजर संध्या यादव बालिका को लेकर वहां पहुंचीं तथा उसकी आयु संबंधी प्रमाण भी लिए, जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि बालिका की आयु विवाह के समय मात्र 15 वर्ष थी, जनवरी माह में उक्त विवाह के परिणामस्वरूप फोटो भी प्राप्त किए गए. बालिका ससुराल में होने वाली मारपीट से दु:खी होकर संस्था के पास आई थी, माता-पिता ने उसे ले जाने से मना कर दिया.

इसके चलते बाल कल्याण समिति ने उसे बाल संरक्षण केंद्र भेजा. बाल विवाह को लेकर कार्रवाई के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने लाडो अभियान कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक को जिम्मेदारी सौंपी. पाठक ने बताया कि मामले में उन्होंने थाना खजराना और थाना चंदन नगर क्षेत्र में जाकर विवाह स्थल तथा अकबर के माता-पिता से चर्चा की. बाल विवाह की सूचना में सत्यता प्रमाणित होने के बाद उन्होंने थाना खजराना में जहां निकाह किया गया था, पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत एफआईआर दर्ज कराई.

अधिनियम के तहत बालिग होकर नाबालिग बालिका के साथ निकाह करने वाले अकबर पिता मोहम्मद सलीम, उसकी मां मुन्नी, लडक़ी के पिता जावेद पिता अब्दुल हमीद उसकी माता समीना पति जावेद तथा बुआ परवीन पति शफीक खान के साथ ही निकाह कराने वाले काजी के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है. कार्रवाई के दौरान कोर ग्रुप के देवेंद्रकुमार पाठक भी शामिल रहे.

ससुराल में काट रहे थे फरारी

मौलाना महबूब रजा सुल्तान आलम के खिलाफ भी नाबालिग का निकाह पढ़वाने का मामला दर्ज किया गया था। तब से ही उक्त मौलाना उत्तरप्रदेश स्थित अपनी ससुराल में फरारी काट रहा था. बताया गया कि पहले बालिग युवक, उसकी मां और लडक़ी की बुआ गिरफ्तार हो चुके हैं, जिन्हें अब तक जमानत नहीं मिली है. प्रकरण दर्ज होने के दौरान लडक़ी गर्भवती थी, जिसका अबॉर्शन अनुमति के बाद कराया गया है.

क्या कहता है, आपका यह है नियम

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के आधार पर यदि कोई भी व्यक्ति नाबालिग लडक़े या लडक़ी का विवाह करवाता या उसमें शामिल होता है, तो वह अपराधी की श्रेणी में आता है. विवाह में शामिल होने वाले माता-पिता, सास-ससुर, बरातियों के साथ-साथ विवाह में मदद करने वालों को भी सजा का प्रावधान है.

बैंडबाजा, टेंट-तंबू लगाने वाले, पत्रिका छापने वालों के साथ विवाह करवाने और निकाह पढ़वाने वाले पंडित-मौलवी पर भी एफआईआर दर्ज करने के नियम हैं. इंदौर ऐसा पहला जिला बन गया है, जहां कार्रवाई कर ऐसे मामलों में मौलवी और पंडितों पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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