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मातृभाषा पोर्टल नहीं बल्कि हिन्दी के विस्तार हेतु आंदोलन बनेगा

इंदौर Published by: Sunil paliwal Updated Tue, 07 Feb 2017 04:53 PM
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मातृभाषा पोर्टल नहीं बल्कि हिन्दी के विस्तार हेतु आंदोलन बनेगा
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इंदौर । भाषा के विस्तृत सागर में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और उसी भाषा की लुप्त होने की कगार पर खड़ी विधाएँ खास कर रिपोतार्ज, संस्मरण, पत्र लेखन, लघु कथा, डायरी, आदि को बचा कर नए रचनाकारों और विधा के स्थापित रचनाकारों के लेखन को संग्रहण के साथ-साथ भाषा के पाठकों तक अच्छी रचना उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से अहिल्या नगरी से हिंदी वेब पोर्टल मातृभाषा.कॉम की शुरुआत हुई। मातृभाषा की स्थापना के साथ ही कंपनी अब मातृभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और हिंदी के प्रति जागरूकता बड़ाने के प्रति भी बेहद ज़िम्मेदारी बनती जा रही है। उसके लेखकों, कवियों तथा साहित्यकारों आदि कई प्रतिभाओं की रचनाओं को संजोकर एक ही मंच स्थान पर पाठक को सहजता से उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए आगामी दिनों में इसी क्षेत्र में कई महत्ती नवीन योजनाएं भी लाई जा रही है।

वेब पोर्टल मातृभाषा.कॉम की शुरुआत हुई

इंदौर के प्रतिभाशाली दो युवा अजय जैन (विकल्प) और अर्पण जैन (अविचल) ने मिलकर हिंदी साहित्य जगत से जनता को सुगमता से जोड़ते हुए भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु एक प्रकल्प शुरू किया। हिंदी के नवोदित एवं स्थापित रचनाकारों को मंच उपलब्ध करवाने के साथ-साथ हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने के उद्देश्य से शुरू हुआ इंटरनेट जाल भाषा के विस्तार में मील का पत्थर साबित होगा। वेब जाल के सह संचालक इंजीनियर श्री अर्पण जैन ने पालीवाल वाणी को बताया क़ि भारत में मातृभाषा हिंदी के रचनाकारों की फेहलिस्ट बहुत लंबी सूची है, किंतु समस्या यह है कि उन रचनाओं को सहेजकर एक ही स्थान पर पाठकों के लिए एक मंच उपलब्ध करवाने में असफलता मिलती है। इस दिशा में मातृभाषा.कॉम ने पहल की है, हम इस कार्य को बखूबी करने का प्रयत्न करेंगे। साथ ही हम आगामी दिनों में विद्यायालय-महाविद्यायालयों में हिंदी के प्राथमिक ककहरा से लेकर अन्य विधाओं का परिचय करवाते हुए वर्तमान स्थिति को अवगत करवाने के उद्देश्य से कार्यशालाएँ भी लगाएँगे, साथ ही यदि कोई हिंदी सीखना भी चाहता है तो उसे हम निःशुल्क शिक्षण उपलब्ध करवाएँगे, मातृभाषा केवल एक पोर्टल नहीं बल्कि भविष्य में हिंदी के विस्तार हेतु एक जनआंदोलन बनेगा। इसी उदे्श्य से वेब पोर्टल मातृभाषा.कॉम की शुरुआत हुई।

हिंदी राजभाषा से राष्ट्रभाषा बन जाएगी

सह संस्थापक अजय जैन द्वारा हिन्दी के घटकों की अनुपलब्धता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा क़ि कंपनी की आगामी कार्य योजनाओं में जो हिन्दी भाषा का प्रचार और विस्तार निहित है, हम मातृभाषा को उसी दिशा में ले जाने के लिए वचनबद्ध है। युवा सोच में हिंदी के प्रति ज़िम्मेदारी निभाना काबिल-ए-तारीफ है, यदि हिंदुस्तान का हर हिंदीभाषी केवल अपनी ज़िम्मेदारी ही हिंदी के प्रति निभाना शुरू कर दे तो निश्चित तौर पर हिंदी राजभाषा से राष्ट्रभाषा बन जाएगी।
वेबजाल का पता है- www.matrubhashaa.com
संपादकीय टीम
मातृभाषा. कॉम
+91-9770067300
Matrubhashaa@gmail.com

www.paliwalwani.com

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