पाकिस्तान.
भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक साल में करीब 20 से 25 फीसदी (20 to 25 percent) तक की तेजी (speed) आई है. निफ्टी (Nifty) में एक साल के दरम्यान 25 फीसदी को तेजी देखी गई, जबकि सेंसेक्स (Sensex) में करीब 21 फीसदी की तेजी आई है. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के शेयर बाजार की बात करें तो पिछले एक साल में करीब 100 फीसदी (100 percent) की तेजी आई है.
हालांकि मार्केट कैप में भारतीय शेयर बाजार के आगे पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता है, बीएसई की वेबसाइट के मुताबिक, एक्सचेंज में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 410 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. यही नहीं, मार्केट कैप के हिसाब भारतीय शेयर बाजार (Share Market) दुनिया का 5वां सबसे स्टॉक मार्केट है. जबकि पाकिस्तान का शेयर बाजार टॉप-100 से बाहर है.
दरअसल, पाकिस्तानी शेयर बाजार में पिछले एक हफ्ते से पैसों की बरसात हो रही है. इस तेजी के साथ पिछले एक साल में कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE- Karachi 100) में 100 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. वहीं पाकिस्तान के प्रमुख इंडेक्स FTSE Pakistan में भी 100 फीसदी की तेजी आई है.
आज से ठीक एक साल पहले Karachi 100 इंडेक्स 40000 अंक के आसपास था, जो अब बढ़कर 80 हजार पार कर गया है. वहीं FTSE Pakistan इंडेक्स भी एक साल में करीब 100 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1100 अंक को पार गया है. इस तेजी के कारण निवेशकों में पाकिस्तानी शेयर बाजार को लेकर थोड़ा भरोसा लौटा है. जानकारों की मानें तो निवेशकों को पाकिस्तान की इकोनॉमिक में सुधार के संकेत मिल रहे हैं.
बता दें, बीते दिनों पाकिस्तान में बजट पेश किया गया. इस बार बजट का साइज करीब 18.88 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये था, जो कि पिछले साल की तुलना में 30.56 फीसदी ज्यादा है. बजट पेश होने के अगले दिन से ही पाकिस्तानी शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है. वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने बजट भाषण में कहा कि सरकार सरकारी उद्यमों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार का अगले साल देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्राइवेटाइजेशन पर फोकस रह सकता है. साथ ही बजट में उठाए गए कदमों से लगता है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज मिलने में थोड़ी आसानी होगी. जिससे शेयर बाजार का भरोसा बढ़ा है और निवेशक एक उम्मीद के साथ निवेश कर रहे हैं.
बता दें, IMF से लोन पाने के लिए पाकिस्तान पर शर्तों का दबाव है. वहीं पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद ये पहला बजट था. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब पर टैक्स बढ़ाने और रेवेन्यू कलेक्शन में बढ़ोतरी करने का दबाव था. पाकिस्तान सरकार ने IMF से बेलआउट पैकेज पाने के लिए अगले वित्तीय वर्ष के दौरान आर्थिक विकास की दर का लक्ष्य 3.6 फीसदी रखा है. पाकिस्तान की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 2.38 फीसदी रही.