यूक्रेनी सेना के कड़ प्रतिरोध से बौखलाए रूस ने लगभग पूरे देश में रातभर बमबारी और रॉकेट हमले किए। इस बीच, यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि उसने कई कस्बों से रूसी सेना को खदेड़ दिया है। यूक्रनी राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, देश के दर्जनों शहरों और कस्बों पर हमले जारी रहे।
कीव को रूसी सेना तीन तरफ से घेरे हुए है लेकिन हमलों के 22वें दिन भी राजधानी पर कब्जा करने में कामयाब नहीं हो सके हैं। बृहस्पतिवार को कीव के कालिनिव्का और ब्रोवरी उपनगर हमलों के निशाने पर रहे। इसके अलावा रूसी सेना दक्षिण में यूक्रेन के कब्जे वाले शहर मायकोलाइव में प्रवेश करने की कोशिश कर रही है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन के कड़े प्रतिरोध के बीच यूक्रेन पर रूस का आक्रमण सभी मोर्चों पर रुक गया है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि हाल के दिनों में रूसी सेनाओं ने जमीन, समुद्र या हवा में न्यूनतम प्रगति की है और उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, हमलों के दौरान सात हजार से ज्यादा रूसी फौजी मारे गए हैं और 21 हजार से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि रूस ने अपने हताहत फौजियों की कोई संख्या नहीं बताई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रूसी सेना ने यूक्रेनी शहर मेलितोपोल के मेयर को उनके नौ कब्जे वाले सैनिकों के बदले मुक्त कर दिया। उप प्रमुख क्यिर्योलो तिमोशेनको ने एक वीडियो संदेश में बताया पांच दिन पहले मेयर इवान फ्योदोरोव का अपहरण किया गया था। एक निगरानी वीडियो में उन्हें सिटी हॉल से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है, जो जाहिर तौर पर रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है।
रूस के संचार नियामक रोसकोम्नाडजोर को सोमवार से इंस्टाग्राम पर ब्लॉक कर दिया गया था, क्योंकि इंस्टाग्राम की पैरेंट मेटा ने पिछले हफ्ते यूक्रेन में सोशल मीडिया यूजर्स को फेसबुक पर रूसी हमलावरों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाली पोस्ट करने की अनुमति दे दी थी।
रूस की सेना ने बृहस्पतिवार को पूर्वी यूक्रेन के शहर खारकीव में गोलाबारी की। इसमें 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 घायल हो गए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सेना ने खारकीव के बाहरी इलाके में स्थित स्कूल को निशाना बनाया है। घायलों में 10 की हालत गंभीर है। हमले में स्कूल की इमारत पूरी तरह ढह गई। हमलों से बचने के लिए लोग स्कूल में शरण लिए हुए थे।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में सभी जज अपनी निजी हैसियत से वोट देते हैं। भारतीय जज जस्टिस दलवीर भंडारी ने आईसीजे में रूस के खिलाफ वोट दिया था, जबकि भारत अब तक संयुक्त राष्ट्र के हर फोरम पर रूस के खिलाफ मतदान से अलग रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक सवाल पर कहा, आईसीजे के जजों के वोट पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। आईसीजे ने बुधवार को रूस को यूक्रेन में आक्रमण रोकने का आदेश दिया था। 15 में से जस्टिस भंडारी समेत 13 जजों ने रूस के खिलाफ मत दिया था।