सिंगापुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर की यात्रा के दौरान गुरुवार को बिजनेस लीडर्स समिट को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार देश में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल है और 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है. इसकी बड़ी वजह हमारी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है. प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर और ब्रूनेई की अपनी तीन दिवसीय विदेश यात्रा समाप्त कर गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचे.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन क्षेत्र है. एमआरओ हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि कंपनियों को हवाई अड्डों के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए. बता दें, एमआरओ का मतलब है रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल. यह विमानन उद्योग का अहम हिस्सा माना जाता है. प्रधानमंत्री मोदी की बिजनेस लीडर्स के साथ गोलमेज बैठक में सिंगापुर की कंपनियों ने अगले कुछ वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये (लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा ति प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर में राष्ट्रपति शनमुगरत्नम के साथ सार्थक बातचीत की. उन्होंने भारत-सिंगापुर के बीच साझेदारी के लिए उनके समर्थन के लिए राष्ट्रपति शनमुगरत्नम को धन्यवाद दिया. दोनों नेताओं के बीत चर्चा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने के अवसरों पर केंद्रित थी.
Further cementing the business connect. PM
addressed the CEOs of leading Singaporean companies. Deputy PM Gan Kim Yong and Minister for Home Affairs & Law K Shanmugam of Singapore also participated in the event. PM appreciated their investment footprint in India and commitment to leverage India’s economic growth. He encouraged them to further contribute to India’s growth story. Business leaders shared their growth, positive business experience in India and ideas for future business collaborations including in GIFT City, new Industrial parks and green projects.