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NeoCoV : चीनी वैज्ञानिको ने खोजा नया खतरनाक वायरस, जा सकती है तीन में से एक जान

देश-विदेश Published by: Paliwalwani Updated Sat, 29 Jan 2022 11:28 AM
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नई दिल्ली. चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने अब नए कोरोना वायरस 'नियोकोव'(NeoCoV) को लेकर डराने वाली खबर दी है। 2019 में समूची दुनिया में वुहान से ही कोरोना वायरस फैला था। अब वहां के वैज्ञानिकों ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में नए प्रकार का कोरोना वायरस 'नियोकोव' मिला है। इसकी संक्रमण व मृत्यु दर दोनों ही बहुत ज्यादा है। इसके संक्रमित हर तीन व्यक्तियों में से एक की जान जा सकती है। 

वुहान के वैज्ञानिकों के इस दावे को रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने जारी किया है। पूरी दुनिया पहले ही कोरोना के खौफ से भयभीत है। इसके ओमिक्रॉन व डेल्टा वैरिएंट कहर बरपा रहे हैं। ऐसे में 'नियोकोव' से चिंता और बढ़ सकती है। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निओकोव वायरस नया नहीं है। यह मर्स कोव वायरस MERS-CoV virus से जुड़ा है। 2012 में यह मध्य पूर्व के देशों में मिल चुका है। यह सार्स कोव 2 से मिलता-जुलता है, जिससे इंसानों में कोरोना वायरस फैला था। 

दक्षिण अफ्रीका के चमगादड़ों में मिला

नियोकोव वायरस दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में मिला है, अभी यह इन पक्षियों में ही फैला है, लेकिन 'बायोरेक्सिव' वेबसाइट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह और इसके करीबी रूप पीडीएफ-2180-कोव (PDF-2180-CoV) इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं। वुहान यूनिवर्सिटी और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस, इंस्टीट्यूट ऑफ बायो फिजिक्स के वैज्ञानिकों का कहना है कि नियोकोव के मात्र एक म्यूटेशन यानी रूप बदलने से यह इंसान की कोशिकाओं में फैलने लगेगा। चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार नियोकोव की उच्च संक्रमण दर हासिल करने की क्षमता है और इसके हर तीन संक्रमित में से एक की मौत हो सकती है। 

रूस के वायरोलॉजी व बॉयोटेक्नालॉजी विभाग ने नियोकोव को लेकर गुरुवार को बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि फिलहाल नियोकोव इंसानों में सक्रिय रूप से फैलने में सक्षम नहीं है। अभी सवाल यह नहीं है कि नया कोरोनावायरस इंसान में फैलता है या नहीं, बल्कि इसकी जोखिम व क्षमताओं को लेकर और अध्ययन तथा जांच करने का है।

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