जिनेवा : (एजेंसी) डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र अल निदेशक डा पूनम खेत्रपाल सिंह का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र मंकीपाक्स के लिए अलर्ट पर है और राष्ट्र इससे जल्दी से निदान पाने के लिए और इसके प्रसार को रोकने के लिए कदम उठा रहा हैं। उन्होंने कहा, 'मंकीपाक्स को इसके आगे प्रसार को रोकने के लिए सामूहिक ध्यान और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है।' बता दें कि भारत के केरल में मंकीपाक्स का पहला मामला सामने आया है। कुछ दिनों पहले एक पीड़ित शख्स यूएई गया था, वहां से आने के बाद ही उसके मंकीपाक्स के लक्षण दिखे। टेस्ट किया गया तो वो पाजीटिव निकला।
सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का उपयोग करने और स्वास्थ्य उपकरण सुनिश्चित करने के अलावा जोखिम वाली आबादी के लिए उपलब्ध हैं और निष्पक्ष रूप से साझा किए जाते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए समुदायों के साथ काम करना महत्वपूर्ण है कि जो लोग सबसे अधिक जोखिम में हैं, उनके पास अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक जानकारी और समर्थन है।
डब्ल्यूएचओ मध्य पूर्व क्षेत्र के सदस्य देशों को मंकीपाक्स के जोखिम का आकलन करने और विकसित बहु-देशीय प्रकोप को तैयार करने और प्रतिक्रिया देने के लिए उनकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए समर्थन कर रहा है।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत से अब तक 60 देशों में मंकीपाक्स के 6 हजार से अधिक मामले और तीन मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे अधिक मामलों की उम्मीद की जा सकती है। विश्व स्तर पर और क्षेत्र में, जोखिम का मूल्यांकन मध्यम के रूप में किया जाता है।