सर्वाइकल कैंसर विकासशील देशों में महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग संबंधी कैंसर में से एक है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय (Uterus) का निचला भाग है जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी काफी अधिक है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर अक्सर मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के साथ एक अंतर्निहित संक्रमण से संबंधित होते हैं, जो आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) होता है. एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्री-कैंसर चेंजेस का कारण बन सकता है जो अंततः सर्वाइकल कैंसर की ओर ले जाता है. एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) अगर कम उम्र में दिया जाए तो एचपीवी संक्रमण से बचाव और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
How To Find Cervical Cancer Early: सर्वाइकल कैंसर विकासशील देशों में महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग संबंधी कैंसर में से एक है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय (Uterus) का निचला भाग है जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी काफी अधिक है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर अक्सर मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के साथ एक अंतर्निहित संक्रमण से संबंधित होते हैं, जो आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) होता है. एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्री-कैंसर चेंजेस का कारण बन सकता है जो अंततः सर्वाइकल कैंसर की ओर ले जाता है. एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) अगर कम उम्र में दिया जाए तो एचपीवी संक्रमण से बचाव और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
जबकि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी हो सकती है, अगर जल्दी पता नहीं चला, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पेट, लीवर, यूरीनरी ब्लैडर या फेफड़ों में फैल सकता है. यहां सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षणों के बारे में जानिए.
यह रोग ज्यादातर प्रारंभिक अवस्था में बिना किसी लक्षण के पता नहीं चलता है और प्राइमरी लक्षणों को विकसित होने में सालों लग सकते हैं. स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण हैं जानने के लिए पढ़ें :
टेस्ट के साथ स्त्री रोग संबंधी जांच आमतौर पर प्री-कैंसर और अनियमितताओं के संकेतों की जांच करके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के ज्यादातर मामलों का पता लगाने में प्रभावी होती है. एचपीवी मोलेक्यूलर टेस्ट जैसे अन्य परीक्षण खासकर से एचपीवी वायरस के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच के लिए किए जाते हैं. संदिग्ध कैंसर की जांच के लिए पंच बायोप्सी या एंडोकर्विकल ट्रीटमेंट जैसी तकनीकों के जरिए टिश्यू के सेम्पल लेकर बायोप्सी की जाती है.
ज्यादातर अन्य कैंसर की तरह, सर्वाइकल कैंसर को भी 4 स्टेज में बांटा गया है. स्टेज वन ज्यादातर लक्षणों के बिना पता नहीं चलता है और इसका मतलब है कि कैंसर केवल गर्भाशय ग्रीवा में है और अन्य भागों में नहीं फैला है. दूसरे चरण में संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से आगे फैल गया है, लेकिन अभी तक पेल्विक की दीवार तक नहीं फैला है. कैंसर तीसरे चरण में योनि और पेल्विक की दीवार के निचले हिस्से में फैल सकता है और अंत में चरण IV में यह मूत्राशय, मलाशय या शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आपकी हड्डियों या फेफड़ों में घुस करता है.
सर्वाइकल कैंसर के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, पैप स्मीयर स्क्रीनिंग और मोलेक्यूलर टेस्ट के जरिए जल्दी पता लगाना इस खतरनाक बीमारी से होने वाली मोबिलिटी और मृत्यु दर को कम करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.
अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. paliwalwani.com इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.