नई दिल्ली.
होसबले ने कन्नड़ में आरएसएस की एक पत्रिका ‘विक्रमा’ से बात करते हुए कहा, ‘उस समय (1984), वी.एच.पी., साधु-संतों ने तीन मंदिरों की बात की थी. अगर हमारे स्वयंसेवक इन तीन मंदिरों (अयोध्या में राम जन्मभूमि सहित) के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, तो हम उन्हें नहीं रोकेंगे.
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि गोहत्या, लव जिहाद और धर्मांतरण से जुड़ी मौजूदा चिंताओं को स्वीकार किया और माना किया ये चिंताए अभी समाज में मौजूद हैं, उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी कई जरूरी चीजें हैं, जिनपर हमें ध्यान देना चाहिए. उन्होंने बताया कि छुआछूत और अपनी संस्कृति को बचाने में युवाओं को लगना चाहिए.