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यमुना सिटी जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों ने किया विरोध : किसानों पर अन्याय होगा तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे

दिल्ली Published by: paliwalwani Updated Fri, 11 Jul 2025 10:15 PM
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नई दिल्ली. ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों ने विरोध किया है। मामला जेवर के नीमका गांव का है। शुक्रवार को यहां लोक सुनवाई का आयोजन हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि विकास की आड़ में यदि उनके साथ अन्याय होगा तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।

औद्योगिक नगर के लिए जमीन का अधिग्रहण इस गांव में होना है। लोक सुनवाई के दौरान नीमका के अलावा शाहजहांपुर गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनकी आपत्ति पर प्रशासन सुनवाई करेगा।

ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को गैर-कानूनी बताते हुए इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि अधिग्रहण के लिए केवल 20 प्रतिशत किसानों की सहमति ली गई है, जबकि भूमि अर्जन कानून के तहत 70 प्रतिशत किसानों की सहमति अनिवार्य है। ग्रामीणों ने इसे नियमों का खुला उल्लंघन बताते हुए पूरी प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाए है।

लोक सुनवाई के दौरान एसडीएम अभय सिंह के समक्ष ग्रामीणों ने कई मुद्दों को विस्तार से रखा। ग्रामीणों का कहना है कि विस्थापन के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति कागजी खानापूर्ति में लगी हुइ्र है। समिति ने कुछ चयनित लोगों से ही डेटा प्राप्त किया, वह भी बिना किसी स्पष्ट आदेश या आधार के।

ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिस ड्राफ्ट पर लोक सुनवाई हो रही है, उसकी कोई औचित्य नहीं है। उनका कहना है कि वे किसी भी स्थिति में विस्थापन स्वीकार नहीं करेंगे। कई ग्रामीणों ने बताया कि वे पहले ही अपनी कृषि भूमि देने को तैयार थे, लेकिन अब वे भूमि अधिग्रहण दरों को लेकर असहमति जता रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार द्वारा घोषित मुआवजा दरें कृषि कानून के अनुरूप नहीं हैं। इसका बढ़ाया जाना चाहिए।

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