नई दिल्ली. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल संसद से पास हो गया है। सोमवार को लोकसभा से पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में वॉइस वोट से बिल पास हो गया। राष्ट्रपति के साइन के बाद ये बिल अब कानून बन जाएगा।
यह कानून लागू होने के बाद लोगों को अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में डिटेल मांगने का अधिकार मिल जाएगा। डिजिटल पर्सनल डेटा क्या होता है? डिजिटल पर्सनल डेटा को हम एक उदाहरण से समझते हैं। जब आप अपने मोबाइल में किसी कंपनी का ऐप इंस्टॉल करते हैं तो वह आपसे कई प्रकार की परमिशन मांगता है, जिसमें कैमरा, गैलरी, कॉन्टैक्ट, GPS जैसी अन्य चीजों का एक्सेस शामिल होता है। इसके बाद वह ऐप आपके डेटा को अपने हिसाब से एक्सेस कर सकता है।
कई बार तो ये ऐप आपके पर्सनल डेटा को अपने सर्वर पर अपलोड कर लेते हैं और उसके बाद अन्य कंपनियों को बेच भी देते हैं। अभी तक हम ऐप से यह जानकारी नहीं ले पाते हैं कि वह हमारा कौन सा डेटा ले रहे हैं और उसका क्या यूज कर रहे हैं। यह बिल इसी तरह के डेटा को प्रोटेक्ट करने के लिए लाया गया है।