भोपाल. (RNS) कल एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा की तरह यह दावा किया है कि वह ईडी की छापामारी बंद नहीं करेंगे और भ्रष्टाचार बंद करके ही मानेंगे मगर मध्यप्रदेश की पिछले कई वर्षों से चल रही गतिविधियों को देखकर यह कतई नहीं लगता कि मध्यप्रदेश में पीएम मोदी की चलती है.
तभी तो यहां के मंत्री जो सिमी आतंकवादी को काफी बड़ी धनराशि लेकर उसे जेल से छोडऩे की सिफारिश कर देते हैं, मगर जब सरकार की बदनामी होती है, तो सिमी के आतंकवादी को पुनः जेल में बंद कर दिया जाता है. मगर उन मंत्री महोदय का कुछ नहीं बिगड़ता है. आज भी वह अपनी जगह कायम हैं. उनके पास प्रदेश का गृह विभाग न हो उनका विभाग भले ही बदल गया है, लेकिन आज भी वह मोदी और भाजपा नेताओं की कृपा से अपने मंत्री पद पर बने हुए हैं और यदि यही सब चलता रहा तो जैसी की खबरें आ रही हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद आचार संहिता खत्म होते ही मप्र के डॉ. मोहन यादव मंत्रिमण्डल का विस्तार होगा.
खबर तो यह भी सुर्खियों में है कि विस्तार के समय कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. मगर जगदीश देवड़ा से जुड़े लोग आज भी दावा करते हैं कि उनके मंत्री का कोई भी बाल बांका नहीं कर पाएगा. उनके समर्थकों के दावे से यह लगता है कि पीएम ने और भाजपा आलाकमान ने देवड़ा को भ्रष्टाचार और उस परम्परा जिसकी भाजपा नितांत विरोधी है. आतंकवादियों से सहयोग करने की उन्हें छूट दे रखी है. ऐसी चर्चा लोग चटकारे लेकर करते हैं कि यदि मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा.
बल्कि अभी तक उनकी जो कार्यशैली रही है चाहे वह बड़ी रकम लेकर सिमी के आतंकवादी को जेल से छोडऩे की घटना हो या उनके क्षेत्र में उनके सहयोगी शराब कारोबारी के यहां से खरीदी गई जहरीली शराब से उनके क्षेत्र के 14 मतदाताओं की मौत के बाद मरे का माल खाने की घटना को अपनाते हुए उसी शराब कारोबारी के बेटे से उनके द्वारा सोने की चेन भेंट लेकर गले में धारण करने की घटना हो या कोई ऐसी अनेक घटनाएं हैं. जिसको लेकर जगदीश देवड़ा के बारे में लोग चटकारे लेकर चर्चाएं करते नजर आते हैं...!
जगदीश देवड़ा की दबंगाई के कारनामों को देखते हुए लोग यह कहते नजर आते हैं कि उनको प्रधानमंत्री मोदी का वरदहस्त प्राप्त है. लोग तो यह भी चर्चा करते नजर आते हैं कि यह भी हो सकता है कि शिवराज को हटाने के बाद जिस तरह से नये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नाम सुनकर लोग हैरान रह गए थे. कहीं ऐसा न हो कि सिमी के आतंकवादी को छोडऩे वाले और अपने विधानसभा क्षेत्र के 14 लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत के जिम्मेदार उसी शराब कारोबारी से चेन भेंट में लेने के बाद आज भी वह बेधड़क मंत्रीमंडल का लुत्फ उठा रहे हैं.
कल वह इस प्रदेश के मुख्यमंत्री न हो जाएं. इस प्रदेश के मुख्यमंत्री के भाजपा के हाईकमान नरेंद्र मोदी न बना डालें? इसी प्रकार से जगदीश देवड़ा की तरह इस प्रदेश के तमाम अधिकारियों के द्वारा माफियाओं से सांठगांठ करके इस प्रदेश में माफिया राज को बढ़ावा दिया जा रहा है. जगदीश देवड़ा हों या आबकारी विभाग के ऊपर से नीचे तक के अधिरियों की मिलीभगत के चलते इस प्रदेश में चाहे ग्वालियर-चंबल का हो या मालवांचल ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है. जहां अवैध शराब का कारोबार फल-फूल नहीं रहा हो.
लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर जाता ही नहीं है. मप्र में शराब की स्थिति यह है कि लोगों को रात दस बजे के बाद अपने बच्चों को पिलाने के लिये दूध उपलब्ध नहीं हो पाता... लेकिन शराबियों को 24 घंटे हर जगह ढाबे, होटल या चाय की दुकान हो यहां तक कि अब तो शराब अनेक जगह सांची पार्लरों में भी मिलने की घटना राजधानी में ही प्रकाश में आई थी, यह सब कारोबार जगदीश देवड़ा के संरक्षण में फल-फूल रहा है, जिसके चलते स्थिति यह है कि मप्र में तो अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है.
बल्कि जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह का गुजरात यहां पूर्ण नशाबंदी है, यहां भी प्रतिदिन पौने दो करोड़ की अवैध शराब अलीराजपुर से धड़ल्ले से निकलने की खबरें भी हैं. अलीराजपुर के लोगों की बात पर यदि भरोसा करें तो अलीराजपुर जिले के एक गांव में इतनी अवैध शराब बनती है कि उसे लोग नकली शराब के कारखाने की संज्ञा देते हैं. लेकिन मजे की बात यह है कि जिले के अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं है. जबकि राजस्व विभाग कलेक्टर के अधीनस्थ होता है और उसमें हर गांव में कोटवार, पटवारी तो मौजूद ही रहते हैं और समय-समय पर जैसा कि जिला प्रशासन के लोग दावा करते हैं कि वह तहसीलदार, एसडीएम, गिरदावर जिले के हर गांवों का भ्रमण करता है.
सवाल यह उठता है कि राजस्व विभाग के कोटवार से लेकर तहसीलदार तक ने अलीराजपुर जिले के कलेक्टर को इस तरह से जिले के गांवों में चल रही भारी मात्रा में अवैध शराब के बारे में जानकारी नहीं दी हो... यह हो सकता है क्या...? लेकिन यह मप्र में शासन रामभरोसे चल रहा है...? ऐसा लोग अब कहने लगे हैं...? अलीराजपुर जिले में शराब माफियाओं का इतना जाल है कि वह अवैध शराब कारोबारी से प्रतिवर्ष 300 करोड़ की रिश्वत जिले से राजधानी तक पहुंचाते हैं.
ऐसी खबरें भी सुर्खियों में है, शायद यही वजह है कि झाबुआ जिले से निकलने वाली प्रतिदिन पौने दो करोड़ की अवैध शराब पर जिला प्रशासन पाबंदी नहीं लगा पा रहा है. अब देखना यह है कि जो मोदी जी लाल किले से लेकर लोकसभा तक और आजकल तो लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान हरेक आमसभा में यह दावा करते हैं कि भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे...? उनके इस दावे की हकीकत मप्र में स्पष्ट नजर आ रही है.
जहां जो मंत्री के बारे में यह चर्चा हो उसने लंबी चौड़ी रिश्वत लेकर सिमी के आतंकवादी को जेल से रिहा किया हो... उसे बजाय पद से हटाने के वह मोदी सरकार उन्हें अच्छे पदों पर नवाजने में लगी है...? ऐसी स्थिति में तो इस प्रदेश का भगवान ही मालिक है कि मोदी जी का यह दावा भी कि भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे की भी असलियत प्रदेश की जनता को समझ में आ रही है...?