भोपाल. पूर्व मंत्री अरुण यादव ने खंडवा सीट से लोकसभा उप चुनाव से अपनी दावेदारी छोड़ने से कांग्रेस के अंदर मचा घमासान बाहर भी दिखाई देने लगा. रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम चिट्ठी प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक को सौंपी. इसके बाद वे देर शाम दिल्ली से इंदौर लौट आए. पूर्व मंत्री अरुण यादव ने बताया कि मैं पारिवारिक कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहता, इसकी जानकारी सोनिया गांधी को दे दी है. लेकिन पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, उसके लिए समर्पित होकर काम करूंगा. कांग्रेस इसके पहले अरूण यादव का नाम लगभग फायनल कर दिया था. लेकिन अचानक कदम पीछे करने से कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया. कई तरहा के कायस भी लगाये जाने लगे. इसका कारण भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गलत नीतियों के चलते ही सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. वैसे भी अरूण यादव काफी दिनों से खफा-खफा नजर आ रहे थे. वही कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि खंडवा लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार का चयन हाईकमान करेगा. पूर्व सीएम कमलनाथ रविवार को देर शाम भोपाल से दिल्ली पहुंचे. खंडवा से बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अपनी पत्नी जयश्री को टिकट देने का दबाव बनाए हुए हैं. उनका कहना है कि सर्वे रिपोर्ट में जयश्री ही सबसे ऊपर है. ऐसे में पार्टी उनकी उम्मीदवारी को नजर अंदाज नहीं कर सकती है. सर्वे रिपोर्ट लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं. माना जा रहा है कि सोमवार-मंगलवार तक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जयश्री का ऐलान कर देगी.
बता दें कि अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर शायरी के अंदाज में पार्टी के मौजूदा हालातों को बयां किया था. उन्होंने लिखा-मुझे भी यकीन था हर शख्स की तरह यही, मेरी बर्बादी के पीछे हाथ मेरे दुश्मनों का था. पलट कर देखा जो मैंने बदन पर खाकर जख्म, फेंका हुआ तीर मेरे दोस्तों का था.