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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का भाजपा पर कड़ा आरोप : कांग्रेस भाजपा नेताओं पर लगातार हमलावर

भोपाल Published by: paliwalwani Updated Tue, 30 Apr 2024 05:22 PM
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  1. पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर अपनी चिंता जाहिर की है। कमलनाथ ने कहा है कि विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

भोपाल.

मध्यप्रदेश की राजनीति में हो रही उथल-पुथल से पूर्व सीएम कमलनाथ भी बेहद दुखी हैं। इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के अचानक मैदान छोड़ भाजपा ज्वाइन करने के मामले में कमलनाथ ने कहा है कि ऐसे तो जनता का महत्व ही खत्म है जाएगा।

सोमवार को इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नाम वापस ले लिया और वो भाजपा में शामिल हो गए। ये कांग्रेस के लिए करारा झटका था। इसके बाद अब इंदौर में भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। इस घटना के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमलावर है। कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नाम वापसी और भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएँ लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है। उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल के प्रत्याशी को ही यदि चुनाव मैदान से हटा दिया जायेगा तो निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का ही महत्व समाप्त हो जायेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोक रही है, जो संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है। एक दिन पहले इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने और बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का महत्व समाप्त हो जाएगा।

इंदौर को लेकर कमलनाथ ने जताई चिंता

सोमवार को इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नाम वापस ले लिया और वो भाजपा में शामिल हो गए। ये कांग्रेस के लिए करारा झटका था। इसके बाद अब इंदौर में भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। इस घटना के बाद कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है। कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि ‘विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

हमारे संविधान ने निर्वाचन प्रणाली में जनता को सर्वोपरी स्थान दिया है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल के प्रत्याशी को ही यदि चुनाव मैदान से हटा दिया जायेगा, तो निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का ही महत्व समाप्त हो जायेगा। सभी को चुनाव लड़ने और सभी को मतदान करने का अधिकार हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अधिकार है, इसकी हमेशा रक्षा होनी चाहिए। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए।’

इससे पहले भी वो इस घटना को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। एक दिन पहले उन्होंने कहा था इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन जिस तरह से वापस कराया गया, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है। इससे पहले खजुराहो में सपा प्रत्याशी का नामांकन ख़ारिज होना और सूरत में निर्विरोध निर्वाचन हम देख चुके हैं। साफ़ दिख रहा है कि सत्ता का दुरुपयोग, दबाव और प्रलोभन अपने पूरे चरम पर है। मैं कांग्रेस के सच्चे कार्यकर्ताओं से अपील करता हूँ कि यह समय संघर्ष करने का है। संघर्ष से ही विजय सुनिश्चित होगी। जनता इस बेईमानी को देख रही है और बेईमानों को दंडित करेगी।

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