नई दिल्ली. भारत के कई राज्यों में बारिश के मौसम ने एंट्री कर ली है। इसके साथ ही कई जगहों पर बाढ़, सड़कों का टूटना, और पानी भरने जैसी कई समस्याएं देखने के लिए मिल रही हैं। इसलिए इस मौमस में आपको अपने वाहन को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
इस मौसम में आपको अपनी कार को बारिश संबंधित नुकसान से सेफ रखने के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ मानसून स्पेसिफिक ऐड-ऑन्स को जोड़ना भी जरूरी है। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में आपको अपनी कार इंश्योरेंस में क्या-क्या ए़़ड-ऑन करवाना चाहिए।
किसी भी कार के लिए सबसे जरूरी हिस्सा उसका इंजन होता है, जिसकी देखभार सबसे जरूरी होती है। बारिश के मौसम में सड़क पर भरे पानी में गाड़ी के फंस जाने पर उसमें पानी चले जाने पर होने वाला नुकसान या हाइड्रोस्टैटिक लॉक के कारण इंजन की मरम्मत में काफी खर्च आता है।
इसे स्टैंडर्ड पॉलिसी के द्वारा कवर नहीं किया जाता है। इसलिए आपको अपने कार इंश्योरेंस पॉलिसी में इंजन प्रोटेक्शन कवर का ऑप्शन चुनना चाहिए। ये आपकी कार के खराब इंजन की मरम्मत या बदलने की स्थिति में पूरी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
भारी बारिश के बीच अपनी कार के साथ सड़क पर फंसना आपको मुश्किल में डाल सकता है। वहीं, बारिश के मौसम में सड़क किनारे मैकेनिक की मदद भी जल्दी नहीं मिल पाती है। इसलिए आपको रोड साइड असिस्टेंस कवर को अपनी पॉलिसी में एड-ऑन करवाना काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें आपको सभी सेवाएं एक कॉल पर मिलेंगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर अपने वाहन को पानी से खींचने या मरम्मत करवाने की सुविधा भी मिलेगी।
बारिश के मौसम में गियर ऑयल, लुब्रिकेंट, इंजन ऑयल, नट और बोल्ट जैसे कंज्युमेबल्स के नुकसान होने का खतरा होता है। इन सभी नुकसान को स्टैंडर्ड पॉलिसी रिपलेस्मेंट कवर नहीं करती हैं, इसलिए ऐसे मरम्मत की लागत से राहत पाने के लिए, ग्राहको को कंज्युमेबल्स कवर को एड-ऑन करवाना चाहिए।
कार को शोरूम से बाहर निकलते ही डेप्रिशिएटिड मान लिया जाता है। जब आप क्लेम करते हैं तो उस समय जीरो डेप्रिसिएशन कवर यह सुनिश्चित करता है कि आपको डेप्रिशिएसन को ध्यान में रखे बिना क्लेम राशि मिल जाए। वहीं, यह बारिश में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए काफी जरूरी हो जाता है, अगर आपको मरम्मत या रिपेलेस्मेंट की लागत को आपको अपनी जेब से भुगतान करना हो।