आमेट । समीप के गांव ढेलाना के ग्रामीणों ने बुधवार को तहसीलदार भागीरथ सिंह को ज्ञापन दिया उसमें बताया गया कि पूर्व सरपंच नैना लाल रेगर व तत्कालीन सचिव जगदीश गर्ग के द्वारा ग्राम पंचायत सेलागुडा के गांव ढेलाणा में आराजी नंबर 456 व अन्य आराजी नंबरों पर जो पंचायत द्रारा आरक्षित खाली भूखंडों पर पट्टे जारी किये जाने के पूर्व में लगायें गये आरोप बिल्कुल गलत है। उसमें पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा किसी तरह की कोई हेराफेरी नहीं की गई है तथा उनका पंजीकरण नियम अनुसार किया गया। ग्राम पंचायत ढेलाना के देवीलाल कुमावत, सुनील कुमार रेगर, शंकरलाल, हंसराज, रमेश पालीवाल, सुरेश, भेरूलाल भील, मोहन लाल भील, लीला देवी, रमेश जीनगर, मांगीलाल, हजारी बुनकर, अनशी देवी, प्रेमचंद्र, मीरा भांड, डिंपल देवी, बाबूदास, मथुरालाल, रोशन लाल, चुन्नीलाल, राजू लाल, गीता देवी, माधुलाल, हजारी बुनकर, हीरा दास, खुमानी भील, गीता भील, गहरी बाई भील, सुरेश चंद्र, मोहनलाल कुमावत, रमेश पालीवाल, शंकरलाल, हंस राज, मोहन सिंह आदि ने ज्ञापन में बताया की ग्राम पंचायत द्वारा जो भूखंड पट्टे जारी किए हैं वह सभी नियमों के अंतर्गत जारी किए गए। हम सभी ग्रामवासियों द्वारा पूर्व सरपंच नैनाराम रेगर व सचिव जगदीश गर्ग को इस बाबत कई बार मांग की गई ग्राम पंचायत के आरक्षित भूमि पर हमको भी पट्टे जारी कर रहने के लिए जमीन दी जाए। 13 जून 2018 को जन सुनवाई शिविर के दौरान तत्कालीन उप खंड अधिकारी कालूराम खोड़ व विकास अधिकारी डॉ महेंद्र सिंह मेहता के द्वारा ग्रामीणों की मांग पर नियम संख्या 158 के अंतर्गत सचिव को तुरंत प्रभाव से भूखंड आवंटित करने के आदेश दिए। तत्कालीन ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच नेनाराम रेगर द्वारा ग्राम सभा में कौरव की बैठक लेते हुए भूखंड आवंटन हेतु लिखित आदेश को पारित करवाया गया तथा पंचायत के नियम अनुसार ही ग्राम वासियों को भूखंड आमंत्रित किए गए एवं पट्टे जारी कर इन को जमीन दी गई। किन्तु गांव के कुछ लोग द्वारा राजनीति द्वेषता के चलते भूखंड पट्टे के संबंध में जो पूर्व में ज्ञापन दिया गया वह बिल्कुल गलत है। ग्रामीणों ने तहसीलदार से मांग की है कि पूर्व में गलत पट्टा जारी करने दिए गए ज्ञापन में निरस्त करावे एवं ग्रामवासियों को इस बाबत राहत पहुंचाए।
● इनका कहना है : पूर्व सरपंच व सचिव के पक्ष में ग्रामीणों ने आज जो ज्ञापन दिया है एवम पूर्व में इन के खिलाफ जो ज्ञापन दिया। उन दोनों मामलों को देखते हुए में विकास अधिकारी व पटवारी से इस संबंध में जांच का आदेश देकर पट्टे के मामले की जांच कर पता लगाया जाएगा कि इन पट्टे जारी करने में किसी तरह की कोई हेराफेरी हुई या नहीं हुई। फिर भी किसी तरह से इस बाबत कोई शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भागीरथ सिंह तहसीलदार, आमेट
● इनका कहना है : मेरे खिलाफ पूर्व में फर्जी पट्टे जारी करने संबंध में जो आरोप लगाए गए हैं वह सभी राजनीति से प्रेरित होकर झूठे और निराधार है। मेरे कार्यकाल में जो पट्टे जारी किए गए ।वह सभी नियमों के तहत किए गए है। पट्टे आरक्षित भूमि के भूखंड आवंटन नियम 158 के तहत ग्राम ढेलाना वासियों के द्वारा जनसुनवाई शिविर में मांग के आधार पर जारी किए गए ।यह सभी पट्टे ग्राम पंचायत सेलागुडा की आरक्षित भूमि आबादी भूमि में है।इसमें किसी तरह की हेरा फेरी नही हुई। नही किसी तरह का कोई राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया।
नेनाराम रेगर : पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत, सेलागुडा
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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