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विश्व महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा का बखान लेकिन पाठ्यक्रम में तथ्यहीन जानकारी : विरोध हुआ तेज

आमेट Published by: M. Ajnabee-Kishan Paliwal Updated Thu, 25 Jun 2020 02:38 AM
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आमेट । माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल की गई पुस्तकों में हाल ही में मेवाड़ के इतिहास की भ्रामक जानकारी को लेकर इतिहास संकलन समिति व वीरवर पत्ता गौरव संस्थान की ओर से विरोध किया गया। दोनो संस्थानों के बैनर तले नगर के प्रबुद्ध जनों ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी डॉ नवनीत व तहसीलदार भगीरथ सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि कक्षा 10 वीं के इतिहास की पुस्तक के अध्याय दो में महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्यों में बदलाव कर दुर्भावनावंश युद्ध मे अकबर की सेना की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाए गए है और यह भ्रम पैदा किया गया कि युद्ध में प्रताप की हार हुई थी वही उदय सिंह ने बनवीर की हत्या की ओर हल्दीघाटी युद्ध में हल्दी चढ़ी नवविवाहिताओ ने युद्ध लड़ा जैसे तथ्यहीन जानकारी लिखकर इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई। जबकि 2017 से चल रही पुस्तकों में इतिहासकारों की समिति ने तथ्यों के आंकलन के आधार पर अकबर की हार व प्रताप की विजय को सिद्ध किया था। एक ओर पूरा विश्व महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा का बखान कर रहा है लेकिन हमारी नई पीढ़ी इस वीर  पुरुष की जीवनी से पूर्णतः परिचित नहीं हो पा रही हैं। यह हमारे राज्य व इतिहास से लिए दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि महाराष्ट्र में वीर शिवाजी की जीवनी एवं शौर्य गाथा से वहाँ का बच्चा बच्चा वाकिफ हैं। ज्ञापन के दौरान वीरवर पत्ता गौरव संस्थान के कोषाध्यक्ष मदन लाल पुरोहित, इतिहास संकलन समिति अध्यक्ष मुकेश सिरोया, ज्ञान सिंह चुंडावत, कौशल गौड़, सुरेश सोनी, मदनलाल लखारा, महेंद्र कुमार हिरण, जितेंद्र सिंह चुंडावत, भेरू सिंह भाटी, प्रहलाद सिंह, वीरेंद्र सिंह चुंडावत, प्रमोद लक्षकार सहित बडी संख्या में प्रबुद्व उपस्थित थे।

● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️

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