आमेट. समिपवर्ती ग्राम किशनपुरीया में क्षेत्र में विख्यात गवरी कलाकारों द्वारा अपनी पहचान बनाने वाली लावा सरदारगढ़ की गवरी का मंचन हुआ। समीपवर्ती ग्राम लावा सरदारगढ़ के भील समाज के नृत्य-कलाकारों ने विविध पात्रों के माध्यम से गवरी का जीवंत प्रस्तुतिकरण किया।
मंचन के दौरान खेतुडी, राजा,रानी, कांजर-कांजरी,गाडोलिया लोहार,हटिया- हटनी, भोलिया-भूत,बाणिया,लाखा बंजारा-बंजारी की हास्य प्रधान झलकियों ने दर्शकों को उहाकों से भर दिया। वहीं बंजारा व मीणा की पारंपरिक लड़ाई का रोंचक अभिनय लोक संस्कृति की जीवंत झांकी के रूप में प्रस्तुत हुआ।
गवरी मंचन केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि मेवाड़ की परंपराओं, पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं के चमत्कारों का स्मरण कराने वाला धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन भी है। इस अवसर पर आसपास के ग्रामों से बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष एकत्र हुए इन्होंने गवरी देखने का लुफ्त उठाया।
ग्रामीण शंकर सिंह सिसोदिया ने बताया कि लावा सरदारगढ़ की गवरी में सुप्रसिद्ध कलाकार किशन पनोतिया ओर बहुत कलाकार और इस वजह से इस गवरी की मांग बहुत हो रही है किशनपुरीया में भी 15 दिन पहले बुक की गई थी।
M. Ajnabee, Kishan paliwal