धर्मशास्त्र

कौन है ये देवता जिसे रावण हमेशा पैरों के नीचे दबाकर रखता था?, हैरान कर देगी इसके पीछे की कहानी

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कौन है ये देवता जिसे रावण हमेशा पैरों के नीचे दबाकर रखता था?, हैरान कर देगी इसके पीछे की कहानी
कौन है ये देवता जिसे रावण हमेशा पैरों के नीचे दबाकर रखता था?, हैरान कर देगी इसके पीछे की कहानी

प्राचीन पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण को ज्योतिष शास्त्र का अच्छा खासा ज्ञान था। उसकी इच्छा थी कि जब उसका बेटा पैदा हो तो कोई भी देवी-देवता उसके प्राण ना ले सके। इसलिए जब मंदोदरी गर्भवती थी और मेघनाद को जन्म को जन्म देने वाली थी तो रावण ने सभी ग्रहों को सही स्थिति में रहने को कहा। वह चाहता था कि सभी ग्रह सुख और उच्च की स्थिति में रहे ताकि उसका बेटा दीर्घायु , महापराक्रमी, कुशल योद्धा और तेजस्वी पैदा हो।

ऐसे शनिदेव आए रावण के पैरों के नीचे

अब रावण के भय के चलते सभी ग्रह सही स्थति में आ गए। लेकिन शनिदेव रावण से नहीं डरते थे। उन्होंने अपनी स्थिति सही नहीं की। रावण ये बात अच्छे से जानता था कि शनिदेव उसकी बात टाल सकते हैं। इसलिए उसने शनिदेव को बलपूर्वक अपने पैर के नीचे दबा लिया। और यह आदेश दिया कि वह अपनी स्थिति सही रखे ताकि उनके पुत्र की आयु अन्नत रहे।

रावण ने तोड़ा था शनिदेव का एक पैर

लेकिन शनिदेव ने भी चालाकी की। उन्होंने मेघनाद के जन्म के समय चुपके से अपनी दृष्टि वक्री कर ली। इससे मेघनाद दीर्घायु पैदा नहीं हुआ। जब रावण को इस बात की भनक लगी तो वह बहुत नाराज हुआ। उसने शनिदेव को उसकी आज्ञा का उल्लंघन करने की सजा दी। उसने ब्रह्मदंड की सहायता से शनिदेव पर प्रहार किया। इस प्रहार ने शनिदेव का एक पैर तोड़ दिया। फिर रावण सदैव शनिदेव को अपने पैरों के नीचे रखने लगा।

हनुमान ने किया था शनिदेव को आजाद

हालांकि जब लंका दहन हुआ तो वीरपुत्र हनुमान ने शनिदेव को रावण के चंगुल से आजाद करवा दिया। इसके बाद जब श्रीराम अपनी सेना के साथ लंका आए तो उनका रावण से पहले उनके सैनिकों और पुत्रों से युद्ध हुआ। इस दौरान राम भगवान के भाई लक्ष्मण ने मेघनाद का वध किया। चुकी शनिदेव ने रावण की जानकारी के बिना अपनी वक्री दृष्टि चला दी थी इसलिए मेघनाद को अमर रहने का वरदान नहीं मिल पाया। और लक्ष्मणजी के हाथों वह मारा गया।

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