राजस्थान
पिपलांत्री ग्राम पंचायत राजस्थान की बेटियों को समर्पित : श्री श्याम सुंदर पालीवाल
Devnarayan Paliwal-Devakishan paliwal
● पिपलांत्री पंचायत का नाम भारत के 10 टॉप पंचायतो में सम्मिलित
भीलवाड़ा। (खुशबू लाल मीणा की एक नजर...) ग्राम पंचायत पिपलांत्री, राजसमंद, राजस्थान भीलवाड़ा से 130 किलो मीटर व उदयपुर से 75 किलो मीटर बीच में राजसमंद से 15 किलो मीटर की दूरी पर है। यह गांव तब सुर्खियों में आया जब इसरो के सर्वे में सेटेलाइट ने सुर्ख खदानों के बीच से हरियाली की तस्वीरें भेजी। इसरो के वैज्ञानिक देखकर हैरान रह गए थे। गांव में लगभग 5 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। यहा की तारीफ श्री नरेन्द्र मोदी जी, श्री राहुल गांधी जी श्री अक्षय कुमार जी, समेत कई हस्तियां कर चुकी है। यहा के पूर्व सरपंच श्री श्याम सुंदर पालीवाल जी कौन बनेगा करोड़ पति केबीसी में आमंत्रित हो चुके हैं। वर्तमान में पूर्व सरपंच की पत्नी श्रीमती अनिता श्यामसुंदर पालीवाल सरपंच के पद पर देश और गांव पिपलांत्री का नाम रोशन कर रही है। पालीवाल ब्राह्मण समाज के सम्मानिय सदस्यों की श्रेणी में आपकी गिनती होती है।
● कैसे हुआ ये सब...! : बेटी के कारण, बेटियों के लिए ओर अब पूरी पंचायत के लिए हो गया, 2005 के राजस्थान पंचायत चुनाव में श्री श्याम सुंदर जी जीतकर आये। उस समय गांव की हालत बेहद खराब थी। चारो तरफ खदाने, उड़ती धूल, पानी नही। उनकी सबसे प्रिय बिटिया का निधन हो गया था। बिटिया की स्मृति में उन्होंने पौधे लगवाए। गांव में जब भी किसी के घर पुत्री होती है तो उस परिवार को 111 पौधे लगाने होते है। उन पौधों की देखभाल पूरा परिवार करता है व पुत्री जब 18 वर्ष की हो जाती है तो उन्ही पेड़ो को बेचकर आर्थिक सहायता दी जाती है। पेड़ो को कोई भी, पंचायत क्षेत्र में कही भी लगा सकता है। साथ ही गांव वाले सभी मिलकर 21000₹ एकत्र कर ओर ग्राम पंचायत की तरफ से 10000₹ मिलाकर 31000₹ की एफडी करवाते है। गांव में किसी की भी म्रत्यु पर परिजनों से 11 पौधे लगाने का प्रावधान है।
● विदेशों में होती है गांव की तारीफ : पिपलांत्री गांव को विदेश के प्राईमरी पाठ्यक्रमो में जगह मिली है। ओर भी तारीफ में बहुत सारी बाते है। महत्वपूर्ण बात श्री श्याम सुंदर पालीवाल अक्सर संबोधनों में लोगों से कहते हैं, सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाएं हैं। सरकारी मशीनरी है, सरकार का पैसा है, सरकार की ही जमीनें हैं। मैने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया। सिर्फ सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू कराया और सरकारी बजट का सही इस्तेमाल किया है। जो भी ग्राम पंयायतें या सरपंच ऐसा कर रहे हैं, उनके भी गांव पिपलांत्री की तरह खुशहाल हैं, हालांकि श्री श्याम सुंदर जी पालीवाल लगातार सरपंच नही बने है पर यह एक परंपरा बन गई है। कोई भी सरपंच बिना भेदभाव के परंपरा को आगे बढ़ाते आया है। उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है। ये सब करना उनके लिए मुश्किल था पर नामुमकिन...।
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Devnarayan Paliwal-Devakishan paliwal...✍️
? निःशुल्क सेवाएं : खबरें पाने के लिए पालीवाल वाणी से सीधे जुड़ने के लिए अभी ऐप डाउनलोड करे : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.paliwalwani.app सिर्फ संवाद के लिए 09977952406-09827052406