इंदौर

श्री संपतलालजी खजांची-श्रीमती आशा जी दीक्षित : एक समय में दो देहदान महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में संपन्न

Paliwalwani
श्री संपतलालजी खजांची-श्रीमती आशा जी दीक्षित : एक समय में दो देहदान महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में संपन्न
श्री संपतलालजी खजांची-श्रीमती आशा जी दीक्षित : एक समय में दो देहदान महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में संपन्न

इंदौर : मां अहिल्या की पुण्य नगरी इंदौर में अंगदान के क्षेत्र में कार्य करते हुए आज एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ. जब एक ही दिन व एक समय में दो देहदान श्री महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में संपन्न हुए. बीती रात ग्रेटर तिरुपति कॉलोनी निवासी एवं राबर्ट नर्सिंग होम के वरिष्ठ व समर्पित ट्रस्टी एवं सेवानिवृत्त आई ए एस अधिकारी श्री वी एन दीक्षित की जीवन संगिनी श्रीमती आशा जी दीक्षित का देहावसान हुआ. श्री अनिल जी दीक्षित, श्रीमती कुट्टी जी मेनन, श्री हेमंत जी शर्मा, श्री दीपक जी अग्रवाल एवं श्रीमती सीमा जी जसवानी के समन्वय सेवा से स्वर्गीय श्रीमती आशा जी के देहदान के पूर्व आंख एवं त्वचा दान भी हुआ. बीती शाम खजांची परिवार के पित्र पुरुष श्री संपतलालजी खजांची का देहावसान हुआ. श्री पिर्तेश जी जैन, श्री मनोज जी खजांची, श्री सुनील जी खजांची एवं राजेश जी खजांची के समन्वय सेवा से स्वर्गीय श्री संपतलाल जी का देहदान के पूर्व आंख एवं त्वचा दान भी संपन्न हुआ. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी खजांची परिवार की वधु श्रीमती शिरोमणि जी खजांची के ब्रेन स्टेम डेथ के उपरांत ग्रीन कॉरिडोर की सहायता से अंगदान संपन्न हुए थे. तकनीकी सेवा राजेंद्र मार्को, जीतू बगानी, गोपाल सिरोके, जयवन्त निकम और अशोक जी राठौर द्वारा प्राप्त हुई. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय जी दीक्षित के विशेष संरक्षण में आज अवकाश के उपरांत भी देहदान संपन्न हुए. दोनों ही नेत्रदान एमके इंटरनेशनल आई बैंक एवं त्वचा दान चोइथराम स्किन बैंक द्वारा प्राप्त किए गए. परमपिता परमात्मा की कृपा एवं सनातन संस्कृति की तेजस्विता से ही आज हम इंदौर से पूरे भारत भर में टिशू,ऑर्गन एवं कैडेवर प्रेषित कर पा रहे हैं. शहर में चिकित्सा जगत  के हुए अंगदान के तकनीकी विकास, प्रशासन की सहभागिता, आम नागरिकों के हृदय में बसे हुए परोपकार भाव एवं जन चेतना के प्रयासों से इंदौर शहर अंगदान में भी नंबर 1 को अग्रसर है. धन्य है वह परिवार जो दुख की घड़ी में भी परोपकार के राह पर तटस्थ है.

आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं...जहां अभी अंधेरा है...

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