दिल्ली

सितंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई : आईआईपी में गिरावट : आम आदमी को लगा झटका

Paliwalwani
सितंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई : आईआईपी में गिरावट : आम आदमी को लगा झटका
सितंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई : आईआईपी में गिरावट : आम आदमी को लगा झटका

नई दिल्ली : सितंबर में खुदरा महंगाई दर में वृद्धि हुई है. खाने-पीने के सामान की महंगाई के बीच सितंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.41 परसेंट पर पहुंच गई है. अगस्त से इसमें 0.41 परसेंट की वृद्धि है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 परसेंट थी. अप्रैल के बाद महंगाई में यह सबसे बड़ी वृद्धि है. खुदरा महंगाई में इसलिए तेजी देखी गई है क्योंकि खाद्य पदार्थों के दाम में बढ़ोतरी हुई है.

सितंबर का महीना लगातार नौंवा महीना है जब महंगाई की दर रिजर्व बैंक के अनुमान से अधिक है. रिजर्व बैंक ने महंगाई की दर (टोलरेंस रेट) को 6 परसेंट निर्धारित किया है, लेकिन पिछले कई महीने से यह दर 7 परसेंट के आसपास बनी हुई है. अभी हाल में रिजर्व बैंक ने इस दर को लेकर चिंता जताई थी. रिजर्व बैंक अपना रेपो रेट खुदरा महंगाई के आधार पर ही बढ़ाता है. अगर महंगाई यूं ही जारी रही, तो रिजर्व बैंक को फिर से रेपो रेट बढ़ाना होगा. इससे लोन की ब्याज दरें महंगी होंगी और ईएमआई में भी वृद्धि देखी जाएगी.

  • अगस्त से अधिक महंगाई

खुदरा महंगाई का आधिकारिक आंकड़ा बुधवार को जारी किया गया. यह आंकड़ा कंज्यूमर प्राइस इंडेस्क यानी कि सीपीआई के आधार पर जारी किया गया है. सितंबर में सीपीआई पर आधारित महंगाई दर 7.41 परसेंट है. ठीक एक साल पहले सितंबर 2021 में यह दर 4.35 परसेंट थी. अगस्त में यह दर 7 परसेंट थी. इस महंगाई के पीछे खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफा असली वजह बताई जा रही है. खाद्य पदार्थों की महंगाई सितंबर में बढ़कर 8.60 परसेंट हो गई है जबकि अगस्त में यह 7.62 परसेंट थी.

  • 6 परसेंट की लिमिट पार

महंगाई दर 6 प्रतिशत के स्तर से ऊपर रहने के साथ, आरबीआई को अब केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी जिसमें दोनों तरफ से 2 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर महंगाई को नियंत्रित करने में विफलता के कारण बताए जाएंगे. केंद्र सरकार ने यह रिजर्व बैंक से सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा महंगाई 2 से 6 परसेंट की रेंज में होनी चाहिए. लेकिन इसकी दर 7 परसेंट और उससे भी अधिक देखी जा रही है.

महंगाई बढ़ने से इसका चौतरफा असर आर्थिक विकास पर देखा जाएगा. महंगाई की बड़ी वजह बड़ी कीमतों पर आयात भी है जो विदेशों से सामान मंगाए जाते हैं. आयात के कई क्षेत्रों में महंगाई घटी है, लेकिन फूड आइटम्स और ऊर्जा के क्षेत्रों में इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले नौ महीने से लगातार खुदरा महंगाई में तेजी है जिसे रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है.

  • आईआईपी में गिरावट

दूसरी ओर, देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई है. एक साल पहले समान महीने में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2022 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.7 प्रतिशत सिकुड़ गया. इसके अलावा खनन उत्पादन में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई. वहीं इस दौरान बिजली उत्पादन 1.4 प्रतिशत बढ़ा.

साभार : TV9 Bharatvarsh

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