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जापानी दूतावास के अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर प्रोफेसर स्वर्ण सिंह बर्ख़ास्त

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जापानी दूतावास के अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर प्रोफेसर स्वर्ण सिंह बर्ख़ास्त
जापानी दूतावास के अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर प्रोफेसर स्वर्ण सिंह बर्ख़ास्त

नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने जापानी दूतावास के एक अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया है. यह मामला राजनयिक माध्यमों से भारतीय दूतावास के ध्यान में लाया गया और बाद में विदेश मंत्रालय और विश्वविद्यालय को भेजा गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर स्वर्ण सिंह की सेवाओं को समाप्त करने का फैसला विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा की गई जांच के निष्कर्षों के बाद लिया गया, जिसे बुधवार को जेएनयू की कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया गया.

जेएनयू के एक अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘जापानी अधिकारी सम्मेलनों के समन्वय के लिए प्रोफेसर के साथ नियमित संपर्क में थे. उन्होंने विश्वविद्यालय के आईसीसी में शिकायत दर्ज कराई और सबूत के तौर पर उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की.’ पता चला है कि सिंह की बर्खास्तगी उनके रिटायरमेंट से ठीक एक साल पहले हुई है.

परिषद की बैठक में आईसीसी की सिफारिशों के आधार पर तीन अन्य फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई. दो को तीन-तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोककर दंडित किया गया और तीसरे को मामूली अपराध के तहत कथित अनुचित व्यवहार का दोषी पाया गया, जिसे संवेदनशीलता प्रशिक्षण लेने का निर्देश दिया गया. ये फैकल्टी सदस्य क्रमशः जेएनयू के ऐतिहासिक अध्ययन केंद्र, भौतिक विज्ञान स्कूल और संस्कृत केंद्र से संबद्ध हैं.

की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता, जो यहां जापानी दूतावास में काम कर रही थी, के साथ विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान फैकल्टी सदस्य द्वारा कथित रूप से छेड़छाड़ की गई थी. वह जापान लौट गईं और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.

इसे लेकर कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा, ‘ये निर्णय प्रशासन की भ्रष्टाचार और यौन अपराधों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाते हैं. पहली बार छात्रों को आईसीसी में प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो जेएनयू की लोकतांत्रिक संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’

परिषद ने आगे संकल्प लिया कि अब छात्र प्रतिनिधियों को आईसीसी में चुना जाएगा. प्रोफेसर स्वर्ण सिंह सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, ऑर्गनाइजेशन एंड डिसआर्मामेंट (सीआईपीओडी) का हिस्सा थे. स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक फैकल्टी सदस्य, जिसके तहत सीआईपीओडी संचालित होता है, ने कहा कि विश्वविद्यालय को पिछले साल मई के आसपास शिकायत के बारे में पता चला.

अधिकारी ने कहा, ‘आईसीसी ने एक जांच की और पाया कि उन्हें पहले भी एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कदाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा था.’ सूत्रों के अनुसार, सिंह ने पहले भी इसी तरह के आरोपों के बाद जेएनयू में एसोसिएट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में वह फिर से प्रोफेसर के तौर पर विश्वविद्यालय में शामिल हो गए.

सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय को पिछले कुछ सालों में सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की करीब आठ शिकायतें मिली हैं. सिंह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अध्यापक हैं, जिन्हें शिक्षा और शोध में लगभग तीन दशकों का अनुभव है. जेएनयू की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए और जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने स्वीडन के उप्साला से संघर्ष समाधान में पोस्ट-डॉक्टरल डिप्लोमा भी प्राप्त किया है.

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