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सरकारी खजाना लूटने वाले घोटाले बाज पंचायत सचिव पर अधिकारियों की इतनी मेहरबानी क्यों...!

उत्तर प्रदेश Published by: paliwalwani Updated Tue, 02 Jul 2024 12:44 AM
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कौशाम्बी.

घोटाले बाज पंचायत सचिव को अधिकारी देते हैं चार्ज पंचायत सचिव करते हैं घोटाला फिर होते हैं निलंबित फिर लेनदेन कर किए जाते हैं बहाल. 

कोखराज कौशाम्बी जिले के पंचायत विभाग में इस तरह के पंचायत सचिव है जिनका काम विकास के बहाने केवल सरकारी खजाने की रकम लूटना है विकास के बहाने सरकारी खजाना बार-बार लूटने वाले पंचायत सचिव पर बड़े अधिकारी भी मेहरबान है, आरोप के बाद इन्हें बार-बार तैनाती देकर वित्तीय अधिकार दिए जाते हैं.

वित्तीय अधिकार मिलते ही यह शातिर पचायत सचिव फिर विकास के बहाने सरकारी खजाना लूटने लगते हैं शिकायतें होती हैं जांच होती है जांच में दोषी पाए जाते हैं फिर निलंबन नोटिस की कार्रवाई होती है निलंबन नोटिस के बाद फिर इनकी बहाली की गुणा गणित शुरू होती है अधिकारी पैसा लेते हैं इनके आरोप को खारिज कर देते हैं और इन्हें बहाल कर दिया जाता है.

इस पंचायत सचिव पर कई बार निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है आखिर इस पंचायत सचिव को बार-बार निलंबन करने के बाद इन पर लगे आरोपों में हेरा फेरी कर इन्हें बहाल कैसे कर दिया जाता है सरकारी खजाने से लूटी गई रकम इनसे रिकवरी क्यों नहीं कराई जाती है इनकी गिरफ्तारी कर इन्हें जेल क्यों नहीं भेजा जाता है यह तमाम सवाल योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था पर खड़े हो गए हैं, लेकिन उसके बाद भी बार-बार ग्राम पंचायत के खजाने को विकास के नाम पर लूटने वाले पंचायत सचिव पर कार्यवाही होती नहीं दिख रही है.

आखिर किस नेता मंत्री की इन पर मेहरबानी बनी है जिससे यह बेलगाम है बताया जाता है कि सरकारी खजाना लूटने वाला यह पंचायत सचिव सिराथू विकासखंड क्षेत्र के मलाक पिंजरी राघवापुर बरातफ़रिक तुलसीपुर देवखरपुर काशिया पश्चिम सहित विभिन्न गांव में तैनाती पा चुका है जिस गांव में तैनाती मिली वही घोटाला हुआ घोटाले के बाद निलंबन हुआ लेकिन फिर तैनाती दी जाती है चर्चाओं पर जाए तो घोटाले बाज पंचायत सचिव ने भ्रष्टाचार से आकुल संपत्ति अर्जित की है और एक पूर्व विधायक का खासम खास बताया जाता है.

योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की बात पर यह पूर्व विधायक भारी पड़ते दिख रहे हैं योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की बात कर रही है और उनके पूर्व विधायक भ्रष्टाचारियों के बचाव में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं आखिर योगी सरकार के कानून नियम आदेश की धज्जियां उड़ाने वाले पूर्व विधायक के इस करनामें पर भी क्या पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संज्ञान लेगी या फिर योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त की धज्जियां पूर्व विधायक और उनके खास लोग उड़ाते रहेंगे तो कैसे कानून का पालन होगा.

कैसे भ्रष्टाचार मुक्त सरकार होगी कैसे आम जनता को न्याय मिलेगा कैसे पारदर्शी तरीके से योजनाओं का संचालन होगा यह तमाम सवाल अधिकारियों के कारनामों के चलते खड़े हो गए हैं. बार-बार सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव के कारनामे को गंभीरता से लेना होगा और इन पर लगे आरोप की फिर से जांच कर सरकारी रकम की वसूली करना होगा इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजना होगा जिससे भ्रष्टाचार में लगे अन्य लोगों को नसीहत मिल सके।

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