उत्तर प्रदेश :
उत्तर प्रदेश की 762 में से 760 नगरीय निकायों में चुनाव की तारीखों का एलान 9 अप्रैल 2023 तक हो सकता है। नगर विकास विभाग शुक्रवार देर शाम तक निकाय चुनाव के लिए अंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है,विभाग ने निकाय चुनाव के लिए अनंतिम आरक्षण जारी करते हुए उस पर 6 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी थी।
बृहस्पतिवार शाम तक विभाग को 832 आपत्तियां मिली है। इनमें से अधिकांश आपत्तियां आरक्षण के नियम को लेकर की गई है। विभाग के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शाम को विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर आपत्तियों के निस्तारण पर बात की। एक एक आपत्ति का गहन अध्ययन कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं आए। विभाग के अधिकारियों ने निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए जारी अध्यादेश के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण की कवायद शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को सभी आपत्तियों का निस्तारण कर अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।इसके बाद विभाग की ओर से अंतिम आरक्षण की अधिसूचना और प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग निकाय चुनाव दो से तीन चरण में कराने का कार्यक्रम जारी कर सकता है। चुनाव की तारीखों का एलान शुक्रवार देर शाम से 9 अप्रैल तक कभी भी किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार का भी प्रयास है कि आयोग जल्द से जल्द चुनाव कार्यक्रम जारी करे, आयोग को चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारियां करने के संकेत दिए गए हैं।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) में आरक्षण (Reservation) में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. सपा का कहना है कि निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (SC/ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण से कम सीटें दी गई हैं. जिसे लेकर पार्टी की ओर से स्थानीय निकाय निदेशालय में आपत्ति दाखिल की गई है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने नगर निकाय चुनाव में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण से कम सीटें देने पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं. इस दौरान उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता के के श्रीवास्तव भी मौजूद रहे. सपा ने 30 मार्च को जारी आरक्षण सूची में कई खामियों का जिक्र करते हुए चुनाव में कम सीटें आरक्षित करने का विवरण दिया है और नियमों में हुई अनियमितताओं में संशोधन की मांग की है.