लखनऊ : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास सहारा इंडिया के 25 हजार करोड़ रुपये रखे हैं. इसके बावजूद पिछले 9 साल में सेबी ने निवेशकों को महज 125 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है. लिहाजा सेबी को निवेशकों के हित में भुगतान करना चाहिए या फिर यह धनराशि सहारा इंडिया परिवार को लौटा देना चाहिए. जिससे हम निवेशकों का भुगतान कर सकें. ये बातें सोमवार को बयान जारी कर सहारा इंडिया परिवार ने कही.
सहारा इंडिया का कहना है कि वर्तमान स्थिति का सहारा भी उतनी ही शिकार है, जितना उसके निवेशक। बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सहारा ने 25 हजार करोड़ रुपये ब्याज समेत सहारा-सेबी खाते में जमा करवाए हैं। यह धन नौ साल से सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है। वहीं, प्रतिबंध होने के कारण सहारा अपनी संपत्ति बेचकर या गिरवी रखकर निवेशकों को सीदे भुगतान हीं कर सकता है। उधर, सेबी ने मार्च 2018 में घोषणा की थी कि वह जुलाई 2018 के बाद किसी भी निवेशक को कोई भुगतान नहीं करेगा। सेबी का यह कृत्य निवेशकों के हितों के खिलाफ है।
बयान में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 05 दिसंबर 2012 के आदेशानुसार सेबी ने 25 हजार करोड़ रुपये की इस धनराशि ने न तो निवेशकों को भुगतान किया और न ही सहारा को यह धनराशि वापस की है। इन सबके बावजूद सहारा निवेशकों को भुगतान कर रहा है, लेकिन इसमें विलंब हो रहा है। सेबी को चाहिए कि वह पूरी धनराशि सहारा को लौटा दे या निवेशकों को तत्काल भुगतान करना शुरू कर दे। क्योंकि निवेशकों का 44 सालों से सहारा पर पूरा भरोसा है, इस पर कभी कोई विवाद नहीं हुआ।