उत्तर प्रदेश.
उत्तर प्रदेश की नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद अक्सर अपने सीधे हमलों के लिए जाने जाते हैं. वो विरोधियों पर खुलकर वार करते हैं हालांकि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के लिए उनके दिल में काफी सम्मान देखने को मिलता है.
बावजूद इसके वो कभी बसपा सुप्रीमो से मिल नहीं पाए. चंद्रशेखर ने बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने के लिए उनके दफ़्तर में फोन किया, उनसे मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन मायावती के दफ़्तर से क्या जवाब मिला आईए आपको बताते हैं. नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद एक पॉडकास्ट में शामिल हुए जहां उन्होंने बसपा और अपनी पार्टी समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.
इस दौरान जब उनसे बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो बसपा सुप्रीमो मायावती का आशीर्वाद चाहते हैं. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वो कभी मायावती से मिले हैं तो उन्होंने इनकार कर दिया और बताया कि उन्होंने उनसे मिलने की कोशिश भी की है लेकिन वो नहीं मिल पाए हैं.
इसी बीच पॉडकास्ट में चंद्रशेखर आजाद ने मायावती से मिलने के लिए बसपा दफ़्तर में फ़ोन मिलाया. उन्होंने अपना परिचय दिया और कहा कि वो चंद्रशेखर आजाद बोल रहे हैं नगीना से सांसद. क्या ये बसपा का दफ़्तर है? तो दूसरी ओर से जवाब आया कि हां ये बसपा का दफ्तर है. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं बहन जी से मिलना चाहता हूं क्या आप मेरी बात उन तक पहुंचा देंगे?
इस पर दूसरी तरफ से आवाज आई- मैं आपकी बात नोट किए दे रहा हूं. ये आपका ही नंबर है. तो चंद्रशेखर ने जवाब दिया हां ये मेरा पर्सनल नंबर है. आप जो भी समय दोगे मैं आ जाऊंगा. मैं आपसे दोबारा फ़ोन करके पूछ लूं या आप मुझे बता दोगे? तो जवाब आया- हम बता देंगे.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद आज दलितों के बड़े नेता के तौर पर उभर रहे हैं. उन्हें बहुजन समाज पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जाता है. उनकी पार्टी आज दलितों के सामने बड़े विकल्प के तौर पर उभर रही है. बावजूद इसके चंद्रशेखर आजाद बसपा सुप्रीमो मायावती के ख़िलाफ़ सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. बल्कि हमेशा उन्हें दलितों की सबसे बड़ी नेता बताया और उनका सम्मान किया है. चंद्रशेखर कई बार ये कहते भी सुने गए हैं कि उनके साथ मायावती का आशीर्वाद है, जबकि बसपा की ओर से उन पर कई बार तीखे वार हुए.