उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर राशन कार्ड धारकों के लिए समस्या बन गई है। यही वजह है कि जिले में कई जगह राशन व्यवस्था लड़खड़ा गई है। नतीजतन एक लाख से अधिक परिवार राशन से वंचित रह गए।
दरअसल, यूपी में कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इलेक्शन की तारीखें के ऐलान के साथ प्रदेश में आचार संहिता लागू है। चूंकि, अभी तक जो राशन बंट रहा था, उसके पैकेट्स पर पीएम और सीएम के फोटो थे, पर आचार संहिता के बीच बगैर तस्वीरों वाली राशन सामग्री अभी तक नहीं आई है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक लाख अठ्ठारह हजार आठ सौ चार (1,18,804) परिवारों को राशन और तेल नहीं मिल पाया, जबकि इसके वितरण की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। बताया गया कि 54 दुकानों में राशन वितरण शून्य है। हालांकि, जब इस बारे में पत्रकारों ने जिम्मेदार अफसरों से सवाल किए तो उधर से कहा गया कि राशन सोमवार यानी 17 तारीख को वितरित कराया जाएगा।
राशन और अन्य चीजें (तेल, नमक व दाल) गरीबों को एक साथ दिया जाना है। बगैर फोटो वाली राशन सामग्री न आने के कारण प्रत्येक माह वितरित किए जाने वाले राशन गेहूं और चावल नहीं दिया जा सका। 54 जगह वितरण नहीं हो सका। जानकारी के मुताबिक, 1404 में से केवल 1350 कोटेदारों की दुकानों से सामग्री मुहैया कराई गई।
जिलापूर्ति अफसर अखिलेश श्रीवास्तव के हवाले से एक हिंदी अखबार ने बताया- हम लोग इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, चुनाव आयोग (ईसी) का आदेश है कि बगैर तस्वीर वाला तेल, नमक और चना बांटा जाना है। ये तीनों चीजें राशन के साथ ही दी जाएंगी। तीनों चीजों की रैक रविवार तक जिला आनी है, जबकि सोमवार से इसे बांट दिया जाएगा। आखिरी तारीख बढ़ाने की संस्तुति की जा रही है।
इस बीच, झारखंड के खाद्य, सार्वजनिक और उपभोक्ता विभाग के एक अफसर ने पत्रकारों को बताया कि चार लाख लोगों के नाम राशन कार्ड से काटे जाएंगे। रिपोर्ट्स में इन्हीं अफअसर के हवाले से बताया कि जिन लोगों ने लंबे समय से राशन नहीं उठाया है, उनके नाम राशन कार्ड धारकों की लिस्ट से काटे जाना शुरू कर दिया गया है। साथ ही 200 क्विंटल तक धान बिक्री करने वाले लोग भी इस लिस्ट में शामिल है।