रांची जिले में अब घर-घर जाकर राशन कार्डधारियों का सत्यापन किया जाएगा। संपन्न परिवार के घरों की संपत्तियों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। साक्ष्य जमा होने के बाद ऐसे लोग जो कार्ड के लिए अयोग्य हैं और कार्ड का लाभ ले रहे हैं, उनके खिलाफ प्राथिकी दर्ज की जाएगी।
जिला प्रशासन ने इस कार्य के लिए विशेष टीम का भी गठन किया है। यह टीम कभी भी जाकर घर में छापा मार सकती है। पिछले एक साल से जिला प्रशासन संपन्न लोगों से राशन कार्ड सरेंडर करने को कह रहा है। अब तक तीन हजार लोगों ने ही राशन कार्ड सरेंडर किया है। इसके बाद प्रशासन ने संपन्न लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए दोबारा मोहलत दी और सितंबर में सूचना निकाल 31 अक्तूबर तक का समय दिया था। इस अवधि में सिर्फ पांच लोगों ने ही कार्ड सरेंडर किया। जिला प्रशासन के सर्वे के अनुसार 25 हजार ऐसे लोग हैं, जो योग्यता नहीं रखने के बाद भी राशन कार्ड बनाए हैं। इस कार्य के लिए बीडीओ व सीओ को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जांच के लिए पंचायत सेवक, जनसेवक-सेविका को लगाया जाएगा।
जिला प्रशासन के अनुसार राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू है, जिसके अंतर्गत अंत्योदय अन्न योजना एवं पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ योजना के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। इस अधिनियम के अंतर्गत ऐसे लाभुक चयनित हो गए हैं, जो निर्धारित मानकों के आलोक में पात्र नहीं हैं और लाभ उठा रहे हैं।
झारखंड लक्षित जन वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश-2019 के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अपवर्जन मानक के तहत, जो पीएचएच, अंत्योदय राशन कार्ड की पात्रता नहीं रखते हैं, ऐसे परिवारों के द्वारा अभी भी पीएचएच, अंत्योदय राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं तो निश्चित रूप से अयोग्य पीएचएच, अंत्योदय राशन कार्ड अपने प्रखंड के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, पणन पदाधिकारी, जिला आपूर्ति कार्यालय, रांची में विलोपित रद्द करने के लिए स्वेच्छा से समर्पित करने को कहा गया है।
राजधानी सहित राज्य भर में संपन्न लोगों के द्वारा राशन कार्ड बनाकर अनाज का उठाव करने का मामला सामने आ रहा है। अब इसको लेकर खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से भी सख्ती बरतनी शुरू हो गई है। विभाग की ओर से आम लोगों से कहा गया है कि वैसे अयोग्य लाभार्थी परिवार जो स्वेच्छा से अपना राशन कार्ड सरेंडर करना चाहते हों, वे निश्चित रूप से 30 नवंबर तक अपने परिवार के मुखिया द्वारा आवेदन (प्रपत्र- 12 जी में) आधार संख्या सहित ऑनलाइन या जिला के विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी या पणन पदाधिकारी से संपर्क कर जमा करें। अन्यथा उक्त तिथि के बाद राशन कार्ड का लाभ लेने के कारण उक्त लाभुक/ परिवार के विरुद्ध वसूली और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नियम एनएफएसए के तहत संपन्न परिवार को किसी प्रकार का कोई कार्ड देय नहीं है। अगर इस योजना के तहत ये कार्ड से लाभ उठा रहे हैं, तब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। झारखंड सरकार ने इनके लिए सफेद कार्ड की व्यवस्था की है, जिसके तहत फिलहाल इन्हें दो लीटर किरोसीन तेल देय है।
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जिले में पांच अपात्र राशन कार्डधारियों से 3.5 लाख रुपये वसूले गए हैं। जब से राशन उठा रहे थे, तब से उनसे हर्जाना वसूला गया है। निलंबित पीडीएस डीलरों से भी हर्जाना वसूला गया है। भविष्य में अपात्र व्यक्ति, परिवार द्वारा अधिनियम का लाभ लिए जाने की सूचना प्राप्त होने पर वसूली एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।