रमेश एंड रमेश स्पोर्ट्स क्लब के माध्यम से खेलों को काफी बढ़ावा दिया,वे काफी मिलनसार थे, दाल मिल के व्यापारी रमेश जी ने बैडमिंटन, टेनिस, टेबल टेनिस, जूडो कराते आदि खेलों को काफी बढ़ावा दिया, वे खुद भी बैडमिंटन, टेबल टेनिस और टेनिस के अच्छे खिलाड़ी थे, समाजसेवा में भी उनकी काफी रुचि थी, रमेश एंड रमेश में अनेक बड़े आयोजन हुए हैं, वे शुरु से ही कहते थे कि उनके बाद उनकी बिटिया रानी और उनके पति चंद्रप्रकाश (चंदु)गोयल उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे,
1998 में सरताज अकादमी ने इंदौर के नेहरु स्टेडियम और रमेश एंड रमेश स्पोर्ट्स क्लब में मप्र राज्य जूनियर बैडमिंटन स्पर्धा आयोजित की, तब छत्तीसगढ़ भी मप्र में ही था , और मप्र में दो ही राज्य स्पर्धा जूनियर (सभी आयु वर्ग) और सीनियर(बुजुर्ग +45 भी)ही बैडमिंटन में होती थी,
1998 में मैंने(स्पर्धा सचिव) जब जूनियर राज्य बैडमिंटन स्पर्धा आयोजित की तो स्पर्धा में हिस्सा ले रही सभी बाहर से आई 75-80 लडकियों को रमेश एंड रमेश स्पोर्ट्स क्लब में ही ठहराया गया, जिसका खर्च रमेश जी ने ही वहन किया, स्पर्धा में ढाई सौ से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सेदारी की जिसमें 95 से अधिक लड़कियां थी,
तब सरताज अकादमी ने इस स्पर्धा का यादगार आयोजन किया, पहली बार राज्य बैडमिंटन स्पर्धा में योनेक्स फेदर शटलकाक से मैच हुए, पहली बार राष्ट्रीय अंपायरों ने ही अंपायरिंग की, राष्ट्रीय अंपायरों को गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान से बुलाया, पहली बार 20 हजार रुपए इनामी राशि (तब के हिसाब से बहुत अधिक दहोती थी) खिलाड़ियों को दी गई , तब तत्कालीन इंदौर जिला कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव ने भी आयोजन में सहयोग दिया, निवृत्त आई ए एस मनोज श्रीवास्तव को हाल ही में मप्र शासन ने मप्र परिसिमन पुनर्गठन आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया है, सरताज अकादमी साढ़े 29 सालों से नारायण बाग बाल विकास केंद्र में चल रही है, तब रमेश एंड रमेश स्पोर्ट्स क्लब में भी बच्चों के लिए बैडमिंटन प्रशिक्षण गतिविधियां संचालित की, फिर प्रशिक्षक के अभाव में बंद कर दी,
रमेश जी का जब तक शरीर ने साथ दिया, तब तक हमेशा खेलों और सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित रहे , ऐसे खेलप्रेमी को श्रृद्धांजलि रमेश एंड रमेश स्पोर्ट्स क्लब अब चंद्रप्रकाश (चंदु)गोयल और रानी गोयल संचालित करते हैं, वे भी खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं
धर्मेश यशलहा : सरताज अकादमी
"स्मैश"