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देवगढ़ परिक्रमा : पालीवाल समाज की श्रीमती भावना पालीवाल ने खोला कपड़ा बैंक : 15 सौ जरूरतमंदों को मिली राहत

राजसमन्द Published by: Nanalal Joshi, Narendra Paliwal Updated Mon, 01 Feb 2021 02:01 AM
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देवगढ़ । (महावीर व्यास...) मानव सेवा ही सर्वश्रेष्ठ सेवा के उद्देश्य को सार्थक करते हुए गरीबों की मदद के लिए लगातार श्रीमती भावना महेश पालीवाल का कपड़ा बैंक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों को सुविधा प्रदान कर रहा है। देवगढ़ निवासी श्रीमती भावना पालीवाल एवं उनकी टीम द्वारा पिछले 3 महीनों से जिले में कई स्थानों पर जरूरतमंदों की सहायता की जा रही है। श्रीमती भावना महेश पालीवाल ने पालीवाल वाणी को बताया कि नवंबर माह में कंबल बांटने निकली तो एक व्यक्ति को कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ा के ठिठुरते देखकर मन द्रवित हो गया। इसके बाद उन्होंने समाज के सहयोग से एक कपड़ा बैंक बनाए जाने का विचार बनाया। भावना पालीवाल ने संपन्न लोगों से संपर्क कर उन्हें कपड़ा बैंक की जानकारी देते हुए जरूरत के अनुसार कपड़े दान करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए लोगों से जरूरतमंद लोगों से एक छोटी सी पहल करते हुए अपने पुराने कपड़ों से जरूरतमंद लोगों की मदद करने की अपील की। इस तरह उन्होंने कई लोगों ने संपर्क किया और टीम द्वारा घर-घर जाकर ऊनी वस्त्र, बच्चों के कपड़े, नए और पुराने जैकेट, कपड़ा विक्रेताओं से वेस्ट सामग्री को एक जगह एकत्रित कर उसे व्यवस्थित किया। कपड़ा बैंक के लिए एक सिस्टम विकसित किया गया जिसमे केंद्र द्वारा मिली मोबाइल वेन मे सभी सामग्री लेकर निकलेंगे और जहां कहीं पर भी गरीब, असहाय व जरूरतमंद दिखाई देने पर तुरंत उसे आवश्यकता के अनुरूप कपड़ा दिया जाएगा। उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों की कमजोर बस्तियों, विभिन्न मंदिरों के बाहर भी वे कपड़े वितरित किए जाते है। उन्होंने अब तक आमेट, देवगढ़, भीम के कई क्षेत्रों लगभग 15 सौ लोगों को कपड़े वितरित किए है। कपड़ा बैंक की संचालक भावना पालीवाल ने बताया कि बैंक में जो भी कपड़े जमा होंगे उन्हें साफ करने के बाद ही जरूरतमंदों को दिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से पुराने कपड़ों को फैंकने की बजाय बैंक में जमा कराने की अपील की है। ताकि समाज के जरूरतमंद लोगों को उन कपड़ों का वितरण किया जा सके जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। वितरण से पूर्व कपड़ों की अच्छी तरह से धुलाई एवं आयरन कर कपड़ा बैंक में सजा कर रखा जाता है। इसके बाद एकत्रित किए गए कपड़ों को गांव-गांव में गरीबों व जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाता है।

● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Nanalal Joshi, Narendra Paliwal ...✍️

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