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देश के खिलाफ बोलेगा उसके हलक से जबान खिंच लेंगे : महंत ज्ञानानंद

राजसमन्द Published by: Suresh Bhat, Anil Paliwal Updated Sat, 04 Mar 2017 02:39 AM
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राजसमंद। वामपंथी विचारधारा को लेकर केरल में फैली हिंसा के विरोध में संस्कृति रक्षा मंच राजसमंद की ओर से  पुरानी कलेक्ट्रेट से विरोध आक्रोश रैली निकाली गई। रैली से पूर्व धर्मसभा हुई इस धर्म सभा के दौरान मंच पर जिला संरक्षक महंत ज्ञानानंद महाराज, जिलाध्यक्ष महेन्द्र कोठारी, जिला संयोजक भरत पालीवाल, क्षेत्रीय सांसद हरिओम सिंह राठौड़ एवं मनोरमा दाधीच आसीन थे। धर्म सभा के बाद आक्रोश रैली पुरानी कलेक्ट्री से प्रारम्भ होकर जिला कलेक्ट्री पहुंची जहां लोगों ने केरल राज्य में हो रही हत्याओं के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए केरल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में संस्कृति रक्षा मंच के पदाधिकारियों के नेतृत्व में एक प्रतिनिधी मण्डल ने जिला कलेक्टर अर्चनासिंह को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में केरल में फैली हिंसा का विरोध करते हुए बताया कि देश के लोकतंत्र को ऐसी विचारधाराओं से खतरा हो रहा है और यहां के नागरिकों को भी इससे काफी खतरा है। तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित दिशा-निर्देश देने, केरल में बिना भेदभाव के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने की मां की गई है। साथ ही मांग की गई है कि केरल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और जिनकी हत्याएं हुई हैं उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। इस दौरान जिले भर से हजारों लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। धरना स्थल पर आयोजित धर्मसभा की शुरूआत में शैलेष चदाणा ने मैं डरता नहीं महिमा मंडन से, इन ओजस के नारों से काव्य रचना सुनाकर वहां मौजूद लोगों में उत्साह का संचार किया। संचालन मंच के सह जिला संयोजक कौशल गौड़ ने किया तो वहीं आभार जिलाध्यक्ष महेन्द्र कोठारी ने ज्ञापित किया।

मत के प्रचार के लिए हर हथकण्डे अपनाती है

धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए जिला प्रचार-प्रसार प्रमुख एडवोकेट ललित साहू ने कहा कि विश्व में तीन प्रकार की विचारधाराएं ऐसी है जो अपने मत के प्रचार के लिए हर हथकण्डे अपनाती है। इनमें ईसाई अपने एक हाथ में तलवार और एक हाथ में बाईबल लेकर पूरे विश्व में मतांतरण किया। दूसरी ओर मुस्लिम एक हाथ में कुरान और एक हाथ में तलवार लेकर कबीलाई संस्कृति का प्रचार करते हुए विश्व के 56 देशों में फैल गए। तीसरी विचारधारा कार्लमाक्र्सस द्वारा साम्यवाद के रूप में सामने आई। जिसमें उन्होंने शोषित और वंचित वर्ग को पूंजीवाद के विरूद्ध हिंसक रूप में खड़ा किया। और पूरे समाज को शोषक और शोशित के रूप में बांट दिया। इसी विचारधारा के कारण रूस विभाजित हुआ और हमारे देश में भी कम्युनिष्ट विचारधारा के लोग हमारी सज्जनता का फायदा उठाकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं।

युवा पीढी कों देश के विरूद्ध खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं

सांसद हरिओम सिंह राठौड ने धरने को संबोधित करते हुआ कहा कि यह 100 वर्षों का कम्युनिज्म हमारी 5 हजार साल की प्रामाणिक व्यवस्था की तुलना में काफी संकीर्ण है। ये लोग जिस विचारधारा अनुसरण कर रहे हैं वह डूबता हुआ जहाज है। राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों को टारगेट बनाकर उनका नरसंहार कर रहे हैं। इस तरह ये अपनी विचारधारा कभी स्थापित नहीं कर सकते। सांसद ने कहा कि इसी क्रम में कम्युनिज्म का नया रूप सोफ्ट कम्युनिज्म के तौर पर देखने में आया है। इसके तहत कम्युनिष्ट हमारे महाविद्यालय एव विश्वविद्यालय में पढने वाले हमारी युवा पीढी को देश के विरूद्ध खडा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी कारण देश में राष्ट्र को खण्डित करने, आतंकवादियों के समर्थन के नारे लग रहे हैं।

धर्म को मानने वाले वहीं हैं जो धर्म को नहीं जानते

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि धर्म आलसी लोगों की अफीम है और उन लोगों ने धर्म को समझा ही नहीं और धर्म को मानने वाले वहीं हैं जो धर्म को नहीं जानते। उन्होंने धर्म की परिभाषा बताते हुए कहा कि मन, शरीर, इन्द्रिय, बुद्धि को समझता हो वहीं क्रिया धर्म है। ऐसा कोई कार्य ना करें जो शास्त्र प्रतिकूल हो। धर्म धारण करने योग्य है। सनातन धर्म किसी के द्वारा बनाया गया धर्म नहीं है, ये आदी काल से चला आ रहा है। देवलोक में भगवान विष्णु के समय से यह परंपरा शुरू हुई जो वर्तमान में भी चालू है। हमारे पूर्वजों ने इस भारत भूमि को अपने रक्त से सींचा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह भारत भूिम मेरी अपनी है। इसकी व्यवस्था संविधान और शास्त्र सम्मत चलेगी। स्वतंत्रता के नाम देश के लिए जो मन में आए वो बोल दिया वह आजादी नहीं है। असली आजादी के लिए हमें छोटी-छोटी आजादी की कुर्बानी देनी पड़ती है वहीं सच्ची आजादी है।

मनुष्य मर्यादा में रहे वहीं मनुष्य कहलाने का हकदार है

मनुष्य मर्यादा में रहे वहीं मनुष्य कहलाने का हकदार है, संत ने कहा कि संत बनने से पहले हमारे आचार्यों ने हमे भी मर्यादा सिखाई थी। राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब देशवासी मर्यादा में रहकर देश के अखण्डता की बात करता हो। नियम मर्यादा में रहता है उसका पतन नहीं होता है। कोई जाति सम्प्रदाय, विचारधारा देश में वैचारिक प्रदूषण फैलाकर देश के टूकड़े करने की बात करेंगे तो ये उनकी सोच पूरी नहीं होगी। अन्य मजहब के लोग देश की अखण्डता को तोडऩे की बात करेगा उनके धड़ पर सिर नहीं रहेगा

जो देश के खिलाफ बोलेगा उसके हलक से जबान खिंच लेंगे

महंत ने कम्युनिष्टों को सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भारतवर्ष के टुकड़े करने वाली विचारधारा को पोषित करने का प्रयास करेगा तो उन्हें उन्हीं के शब्दों में जवाब दिया जाएगा। उन्होंने धर्म विषेश के लोगों को ललकारते हुए कहा कि उनके द्वारा आए दिन हमारे देश में रहने वाले हमारे ही देश के टूकड़े करने की बात करने वाले अनर्गल बयान का विरोध करते हुए कहा कि मेंरी बिल्ली मुझको की म्याऊं, अभिव्यक्ति को आजादी नहीं कहेंगे अगर एैसे बयान जो देश के खिलाफ बोलेगा उसके हलक से जबान खिंच लेंगे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह, अफजल हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल जिंदा हैं जैसे नारे हमारे ही देश में लगाए जाएं। संविधान की रक्षा करों, सविंधान का पालन करों, धर्मशास्त्रों का पालन करते हुए हमारें पूर्वजों ने जो सुविधा दी उसका सम्मान करना चाहिए।

हत्या का आरोपी आज केरल का मुख्यमंत्री

संस्कृति रक्षा मंच के जिला संयोजक भरत पालीवाल ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1968 में पहली बार जब संघ कार्यकर्ता की हत्या हुई। उस हत्या का मुख्य आरोपी पिनरई विजयन आज केरल का मुख्यमंत्री है। उसके बाद से आज तक निरंतर कम्युनिष्टों के द्वारा राष्ट्रवादी विचारधाराओं के लोगों की हत्याओं का सिलसिला जारी है। 2008 में कन्नूर जिले में मात्र तीन माह में 15 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। वर्तमान में कम्युनिष्ट सरकार द्वारा भी उनके द्वारा पोषित गुण्डों को भरपूर संरक्षण प्राप्त होने के कारण ऐसी घटनाएं आज भी निरंतर जारी है। वामपंथ का इतिहास रक्तरंजित और हिंसा से भरा है।

रैली के रूप में कार्यक्रम स्थल पहुंचे कार्यकर्ता

मंच के आह्वान पर राजसमंद, रेलमगरा, खमनोर, नाथद्वारा, आमेट, कुंभगलढ़, देवगढ़, भीम आदि क्षेत्रों के हजारों कार्यकर्ता दुपहिया एवं चौपहिया वाहनों पर रैली के रूप में पहुंचे।

इन संगठनों की रही भागीदारी

धरना प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों में विहिप, बजरंग दल, भाजपा, भाजयुमो, भामसं, सेवा भारती, हिंदू जागरण मंच, राष्ट्र सेविका समिति, स्वदेशी जागरण मंच, सहकार भारती, आरोग्य भारती, शिक्षक संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, व्यापार संघ, विद्या भारती, भारत विकास परिषद्, अधिवक्ता परिषद्, माधव शिक्षण संस्थान, वनवासी कल्याण परिषद्, क्रीडा भारती, दुर्गा वाहिनी एवं मातृशक्ति आदि के हजारों कार्यकर्ता उपस्थित थे।


* युवा पीढी कों देश के विरूद्ध खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं : हरिओम सिंह राठौड
* कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह भारत भूिम मेरी-महंत ज्ञानानंद महाराज
* केरल में फैली हिंसा के विरोध में किया आक्रोश रैली व धरना प्रदर्शन
* जिलेभर के हजारों युवाओं के साथ महिलाएं पहुंची प्रदर्शन में
* राष्ट्रवादी विचारधाराओं के लोगों की हत्याओं का सिलसिला जारी- भरत पालीवाल
* पूरे समाज को शोषक और शोशित के रूप में बांट दिया- ललित साहू
* राजसमंद, रेलमगरा, खमनोर, नाथद्वारा, आमेट, कुंभगलढ़, देवगढ़, भीम, हजारों कार्यकर्ता चौपहिया वाहनों पर रैली के रूप में पहुंच


राजसमंद। जिला मुख्यालय पर संस्कृति रक्षा मंच की ओर से आयोजित धरने प्रदर्शन को सम्बोधित करते सांसद व उपस्थित जनसमुदाय। फोटो- सुरेश भाट

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