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तुलसी एवं पीपल की पूजा की जाती है: देवेन्द्र प्रकाश

राजसमन्द Published by: Suresh Bhat Updated Sun, 05 Jun 2016 04:09 PM
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राजसमंद। अमृता देवी पर्यावरण नागरिक संस्थान द्वारा रविवार को पर्यावरण दिवस के अवसर पर मधुकर भवन में विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने की। विशिष्ट अतिथि सभापति सुरेश पालीवाल एवं डीएफओ कपिल चन्द्रावत थे। मुख्य वक्ता अपना संस्थान के प्रान्त संयोजक देवेन्द्र प्रकाश थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवेन्द्र प्रकाश ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण जीवन पद्धति के साथ जुड़ा हुआ अंग है। इसीलिए तुलसी एवं पीपल को पूजनीय मानकर उनकी पूजा की जाती है। भारतीय चिन्तन में पौधों में जीव होना बताया गया है। अपना संस्थान ने पौधारोपण अभियान केवल पौधे लगाने मात्र के लिए नहीं लिया है बल्कि जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश पांचों तत्वों के संरक्षण का संकल्प लिया है। यह अभियान केवल संस्था का ना रहकर जन-जन का बने और सांस्कृतिक मूल्यों को पुर्नस्थापित किया जाना महती आवश्यकता है। सांसद राठौड़ ने कहा कि आदर्श ग्राम पंचायत तासोल में चारागाह भूमि पर पौधारोपण का कार्य प्रारंभ किया है साथ ही पर्यावरण विकास संस्थान द्वारा पौधारोपण के क्षेत्र में अभियान के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। सभापति सुरेश पालीवाल ने नगर में स्वच्छता एवं पर्यावरण संतुलन का संकल्प लेते हुए शहर में इस वर्ष परिषद् द्वारा पौधारोपण करने का निर्णय किया। डीएफओ चन्द्रावत ने कहा कि भूमि को हम मां के समान पूजते हैं तब इसका संरक्षण एवं संवद्र्धन करने के लिए पौधारोपण महती आवश्यकता बन जाता है। सभी संस्थाओं और व्यक्तिगत आधार पर भी पर्यावरण तथा पशु-पक्षियों को बचाने के लिए आगे आना होगा। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने पौधरोपण कर अभियान की शुरूआत की। कार्यक्रम का संचालन डूंगरनाथ चौहान ने किया। पुष्पेन्द्र पणिक्कर ने संस्थान का परिचय देते हुए जिले में इस वर्ष 11 हजार पौधे लगाने का संकल्प किया। कार्यक्रम में जिले के 20 स्थानों खमनोर, सायों का खेड़ा, कुंवारिया, केलवा, राज्यावास, देलवाड़ा, काछबली, देवगढ़, आमेट, सरदारगढ़, सियाणा, कुरज, रेलमगरा, चारभुजा, मोही, नान्दोली, उमठी, धर्मेटा आदि स्थानों पर किया गया।

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