सितंबर महीने में हुई रिकॉर्ड बारिश से मध्यप्रदेश में सूखे का संकट खत्म हो गया है। 15 दिन पहले तक प्रदेश में सामान्य से 23तक बारिश कम हुई थी, लेकिन इसके बाद ऐसी झड़ी लगी कि अब यह 1भी नहीं बची है। इंदौर, उज्जैन समेत 22 जिले रेड जोन यानी सूखे की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। इंदौर संभाग के सभी 8 जिलों में आंकड़ा 100के पार है, जबकि अगस्त तक इन जिलों में कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई थी। जबलपुर-सीहोर समेत 13 जिले ऐसे हैं, जहां 99तक बारिश हो चुकी है।
प्रदेश में अब तक औसत 36.57 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि औसत 36.68 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से आधा इंच से भी कम बारिश बची है। ओवरऑल बात करें, तो प्रदेश में 0.3बारिश कम हुई है। इनमें पूर्वी हिस्से में औसत से 4कम, जबकि पश्चिमी हिस्से में आंकड़ा औसत से 3अधिक है। सितंबर की औसत बारिश 6 इंच है। इसके मुकाबले साढ़े 10 इंच बारिश अब तक हो चुकी है।
IMD भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि सितंबर में बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हुए। दूसरे सप्ताह में तेज बारिश हुई। ब्रेक के बाद 22 सितंबर से फिर तेज बारिश शुरू हो गई। इससे जो जिले रेड जोन में थे, वे बाहर निकल आए।
इस साल मानसून ने प्रदेश में 24 जून को एंट्री की थी। शुरुआत में अच्छी बारिश हुई, लेकिन जुलाई और फिर अगस्त में मानसून ने बेरुखी दिखाई। इसके चलते बारिश का आंकड़ा कम रहा। सितंबर में मानसून के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो गए। इस कारण तेज बारिश हुई।
9-10 सितंबर तक प्रदेश के 23 जिले रेड जोन में थे। इनमें भोपाल, नीमच, मंदसौर, झाबुआ, आलीराजपुर, धार, खरगोन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, बालाघाट, सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली जिले शामिल थे। इसके बाद तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। 17 जिले रेड जोन से बाहर निकल आए। वर्तमान में गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा और सीधी ही रेड जोन में हैं। यहां 23से 37तक कम बारिश हुई है।
पिछले दिनों से जारी बारिश से नर्मदा, चंबल, शिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, बेतवा समेत कई नदियां उफान पर आ गई हैं। इससे बरगी, तवा, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, यशवंत सागर, सतपुड़ा, माचागोरा, पारसडोह, गंभीर, शिप्रा, भदभदा, टिल्लर, कुंडालिया डैम के गेट खोल दिए गए। भोपाल में कोलार, कलियासोत, केरवा समेत अन्य डैम में भी पानी आया है। भोपाल का बड़ा तालाब भी 23-24 सितंबर की रात में फुल हो गया। इससे भदभदा डैम के गेट खोले गए। इसका पानी कलियासोत डैम में जा रहा है। कुछ डैम ऐसे हैं, जो छलकने के मुहाने पर हैं।
भोपाल: यहां अब तक 81से ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले तीन-चार दिन से तेज बारिश होने के कारण बड़ा तालाब पूरा भर गया। भदभदा डैम के गेट भी खुल चुके हैं। कलियासोत-केरवा डैम में भी पानी बढ़ रहा है। संभाग में रायसेन ही ऐसा जिला है, जहां बारिश ने सामान्य आंकड़ा पार कर लिया। सीहोर, विदिशा और राजगढ़ में भी अच्छी बारिश हुई है। इस सप्ताह कम बारिश का अनुमान है।
इंदौर: सबसे बेहतर स्थिति में है। इंदौर में करीब 50 इंच बारिश हो चुकी है। प्रतिशत के मामले में यहां सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बुरहानपुर में भी आंकड़ा 146के पार है। धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा और खरगोन में भी सामान्य बारिश का आंकड़ा पूरा हो चुका है। अगले कुछ दिन में बारिश थम जाएगी।
ग्वालियर: यहां 83से ज्यादा बारिश हो गई है। शिवपुरी और दतिया में आंकड़ा 90के पार है। अशोकनगर में सबसे कम 73बारिश हुई है। अगले एक सप्ताह में तेज बारिश का अनुमान नहीं है।
जबलपुर: संभाग के नरसिंहपुर में आंकड़ा सबसे ज्यादा है। यहां 51 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं, कटनी, छिंदवाड़ा और सिवनी में सामान्य बारिश की तुलना में 106से लेकर 123तक बारिश हो चुकी है। जबलपुर में 95बारिश हो चुकी है, जबकि डिंडोरी में 99और बालाघाट में 95पार है। एक-दो दिन तेज बारिश होने के बाद जबलपुर, डिंडोरी और बालाघाट में भी सामान्य बारिश का आंकड़ा पार हो जाएगा।
उज्जैन: पिछले एक सप्ताह से बारिश का दौर जारी रहा। इस कारण कई जिले बेहतर स्थिति में आ गए हैं। उज्जैन, देवास और रतलाम में कोटा पूरा हो गया है। नीमच और आगर-मालवा में आंकड़ा 90से ज्यादा ही है। शाजापुर और मंदसौर में ही आंकड़ा 82तक है। इस सप्ताह हल्की बारिश का दौर रहेगा।