14 सितंबर हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन ही साल 1949 को विधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इसके अलावा हर साल साल 10 जनवरी का दिन विश्व हिन्दी दिवस ( World Hindi Diwas) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेजों और संस्थानों में हिंदी पर विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। इस मौके पर हिंदी को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं।सबसे पहले भाषण की शुरुआत संबोधन से करें और फिर हिंदी का महत्व बताएं
महात्मा गांधी ने हिंदी को आमजन की भाषा बताया था, इसलिए इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 1997 में हुए एक सर्वे की मानें तो हिंदी को भारत के करीब 66 फीसदी लोग बोलते हैं और 77 प्रतिशत इसे समझ लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों में बोली जाती हैं। हिंदी दिवस के प्रसार और प्रचार के लिए सप्ताह भर से हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। सिर्फ हमारा ही देश नहीं बल्कि दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी में भी हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है।
हिंदी भारत की सबसे समृद्ध भाषा माने जाती है। यह भारत के दो तिहाई लोगों की प्रमुख भाषा के रूप में जानी जाती है। हिंदी चीन की मंडारिन और अंग्रेजी के बाद विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है। भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में संविधान सभा ने अपनाया। हिंदी भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में प्रमुख भाषा के रूप में जानी जाती है। बदलते परिदृश्य में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए ही प्रतिवर्ष 14 सितंबर को “हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस पोस्ट के जरिए’ हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं जानिए हिन्दी की उत्पत्ति और विकास’ के बारे में।
• प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
• इसी दिन सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को भारत का राष्ट्रभाषा स्वीकार किया था।
• कर्क रेखा के उत्तर में उत्तर भारत में विशेष तौर पर हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
• हिंदी का प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
• 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाये जाने के पीछे एक और तर्क दिया जाता है, कि 14 सितंबर 1949 को हिंदी के प्रबल समर्थक “राजेंद्र सिन्हा” का 50 वां जन्मदिन था।
• उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया था।
• स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि साहित्यकारों को साथ मिलकर अथक प्रयास किए।
• भारतीय संविधान के भाग 17 में अनुच्छेद 343 से 351 तक हिंदी तथा राज्यभाषा से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
• हिंदी भाषा की उत्पत्ति संभवत: 1000 ई• के आसपास मानी जाती है।
• हिंदी भाषा की उत्पत्ति अपभ्रंश भाषाओं से मानी गई है।
• संस्कृत भारत की प्राचीन भाषा थी।
• भारत की सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद की रचना भी संस्कृत भाषा में हुई।
• संस्कृत से पाली और पाली से प्राकृत तथा प्राकृत से अपभ्रंश भाषा बनी।
• और इन्हीं अपभ्रंश भाषाओं से हिंदी भाषा की उत्पत्ति हुई।
14 सितंबर को हिंदी दिवस इस लिए मनाया जाता है, कि 14 सितंबर 1949 को ही संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसी दिन हिंदी के प्रबल समर्थक ‘राजेंद्र सिंह’ की 50 वीं जन्म दिवस भी था। राजेंद्र सिंह ने हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात उन्होंने काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, सेठ गोविंद दास इत्यादि के साथ मिलकर लंबा संघर्ष किया। तब जाकर हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला।
हिंदी मुख्यतः फारसी भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ होता है हिंदी का या हिंद से संबंधित। हिंदी शब्द की उत्पत्ति सिंधु अर्थात सिंध से हुई है। क्योंकि ईरानी भाषा में स को ह बोला जाता है। इस प्रकार हिंदी शब्द वास्तव में सिंधु शब्द का प्रतिरूप है। समयान्तराल में हिंद से ही हिंदी शब्द की उत्पत्ति मानी जाती।