हमेशा अपराधी ही घायल हुआ और संबंधित थानेदार और स्पेशल टीमों ने जमकर बल प्रदर्शन किया ! इस बीच कई अकर्मण्य थानेदारों ने अपनी थानेदारी बचाने के लिए फर्जी मुठभेड़ का सहारा लेना शुरू कर दिया जिस पर सवाल भी उठे मगर एसपी के बेहतर नेतृत्व और अपराधियों पर कार्रवाई के नाम पर सवाल दब गए !
सोमवार को औग थाना क्षेत्र के कीचकपुर में पुलिस मुठभेड़ में एक अपराधी कबलू उर्फ इश्तियाक को पकड़ने का दावा थानाध्यक्ष हनुमान प्रताप द्वारा किया गया। बताया कि शातिर गोतस्कर एक बछिया को काटने जा रहा था तभी पुलिस मुखबिर की सूचना पर पहुंच गई और अभियुक्त को आत्म समर्पण के लिए कहा। जिस पर उसने फायर की, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर मे गोली लग गई। इस मुठभेड़ की घटना में जो फोटो सामने आईं वो चौंकाने वाली थीं !
एक फोटो में थानाध्यक्ष हनुमान प्रताप ने पोज बनाकर दो पुलिसकर्मियों के साथ अपराधी को उठाकर गाड़ी में डालते हुए फोटो खिंचवाई जिसमें अपराधी हंसते हुए नज़र आ रहा है ! दूसरी फोटो में थानाध्यक्ष हनुमान प्रताप अपनी ही घटना का ( सीओ और कप्तान ) की तरह निरीक्षण करते नज़र आ रहा है। तीसरी फोटो में एक खुला असलहा और चौथी फोटो में पोज बनाकर बिना सफेद कपड़े गंदे हुए एक शानदार फोटो अपराधी की गोली लगने के बाद की सामने आई है !
ऐसी ऐतिहासिक मुठभेड़ की घटनाओं ने पुलिस की बेहतर कार्रवाइयों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं ! एक तरफ जिले में चोरी, छिनैती, टप्पेबाजी की घटनाओं में कोई कमी नहीं है ! बीती रात ही थरियांव व खागा क्षेत्र में चार चोरी की घटनाएं हुई हैं ! कई दागी दरोगा, थानेदार के चार्ज में हैं ! दूसरे जनपदों, यहां तक की फतेहपुर जनपद में निलंबित और आपराधिक मुकदमे वाले दरोगा भी रंगबाजी से थानेदारी कर रहे हैं !
एक थानेदार तो अपने आपको जिले के मुखिया का कारखास बताता है और कई दरोगा चार्ज के लिए उसके पास दौड़ रहे हैं ! कई थानेदार अपने पुराने कारखासो का तबादला अपने हिसाब से अपने पास करवाकर गलत कामों में लिप्त हैं ! मोरंग की गाड़ियों से वसूली से लेकर, जुआ, गांजा बिक्री में कोई अंतर नहीं है ! वही कुख्यात 30 – 35 सिपाही आज भी थानेदारों की कारखासी कर रहे हैं जिनमें कई गोकशी और वसूली के कई मामलों में पूर्व में कार्रवाई के दायरे में आ चुके हैं ! एक इंस्पेक्टर तो खुलेआम अपराधियों के साथ घूम रहा है, बोटी खा रहा है और मुखिया का करीबी बताकर उनके कहर से बचाने की बात कर रहा है !
एक थानेदार थाना छोड़कर भूमाफिया व खनन माफिया के घर मे रहता है वहीं से डीलिंग करता है ! एक थानेदार शाम होते ही चौराहे पर बैठकर मोरंग की गाड़ियों से डग्गामारी शुरू कर देता है ! पुलिस विभाग के अधिकारियों को ऐसे गैर जिम्मेदारो की पहचान कर खाकी को कलंकित करने वाले खाकीधारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही अकर्मण्य और नाटकबाज थानेदारों और उनके कमाऊपूत कारखासो को चिन्हित कर उन पर भी कार्रवाई तय करनी चाहिए तभी जनता के बीच खाकी का इकबाल बुलंद होगा !