कंगना रनौत का चेहरा देखा तो पाप लगेगा : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिया है। उन्होंने कंगना के पांच साल पुराने बयान पर चुप्पी तोड़ी है। बता दें कि कंगना रनौत ( BJP MP Kangana Ranaut ) हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी की सांसद हैं। वें अक्सर धर्म और राजनीति से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर बयानों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं।
अब तक पश्चाताप भी नहीं किया. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कंगना रनौत के गाय के मांस खाने वाले बयान पर नाराजगी जताई है। कंगना रनौत के गाय का मांस खाने के आरोप पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, उन पर किसी और ने आरोप नहीं लगाया है, उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया है। यह बात सार्वजनिक है।
उन्होंने इस बारे में कोई अफसोस जाहिर नहीं किया है। उन्होंने अभी तक कोई पश्चाताप भी नहीं किया है। शंकराचार्य ने गुस्से में कहा, कोई सवाल नहीं। हम ऐसे आदमी का मुँह नहीं देखना चाहते, हमें ग्लानि होगी। ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहूंगा। हम दोषी महसूस करेंगे।
दरअसल, कंगना रनौत ने सांसद बनने से लगभग 5 साल पहले एक विवादित बयान दिया था। इस बयान से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी। कंगना ने 24 मई 2019 को अपने ट्वीट में लिखा था, 'बीफ या कोई अन्य मांस खाने में कुछ भी गलत नहीं है। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह कोई रहस्य नहीं है कि कंगना रनौत 8 साल पहले शाकाहारी बन गईं और उन्होंने योगी बनने का फैसला किया। वह आज भी किसी एक धर्म को नहीं मानतीं। उसका भाई मांस खाता है।
कंगना ने 24 मई 2019 को अपने ट्वीट में लिखा था, 'बीफ या कोई अन्य मांस खाने में कुछ भी गलत नहीं है। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह कोई रहस्य नहीं है कि कंगना रनौत 8 साल पहले शाकाहारी बन गईं और उन्होंने योगी बनने का फैसला किया। वह आज भी किसी एक धर्म को नहीं मानतीं। उसका भाई मांस खाता है। कंगना के इस बयान के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और बीजेपी मंडी की सांसद कंगना रनौत के बीच वाक युद्ध लम्बे समय से चल रहा है। बीफ खाने को लेकर शुरू हुआ वाक युद्ध गोलगप्पे बेचने तक पहुंच चुका है। यहां पढ़िए शंकराचार्य और कंगना रनौत की बयानबाजी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। हिंदू धर्म में विश्वासघात सबसे बड़े पापों में से एक माना जाता है और जो विश्वासघात करते हैं वे हिंदू नहीं हो सकते। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 2022 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने का जिक्र कर रहे थे।