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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक केस में मिली राहत

अन्य ख़बरे Published by: paliwalwani Updated Wed, 29 May 2024 10:21 AM
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पंजाब.

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की 2002 में हुई हत्या के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को मामले में ‘‘दागदार और अधूरी'' जांच का हवाला देते हुए बरी कर दिया है. हालांकि, राम रहीम पर कई अपराधिक मामले दर्ज है और वे रेप के एक मामले में सजा भी काट रहे हैं. 

पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में एक CBI की एक विशेष सीबीआई ने गुरमीत राम रहीम और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 2002 के बाद से, पूर्व डेरा प्रमुख को बलात्कार, हत्या, ईशनिंदा और जबरन बधियाकरण से संबंधित कई मामलों में नामित किया गया है.

रेप के एक मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने हरियाणा और दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन किए. हिंसक झड़पों में कम से कम 41 लोग मारे गए. उनके समर्थकों ने सजा के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया था. 

साध्वी से रेप का मामला

2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए एक गुमनाम पत्र में आरोप लगाया गया था कि संप्रदाय ने दो साध्वियों का यौन शोषण किया है और गुरमीत राम रहीम के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया था. सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में गुरमीत राम रहीम को बलात्कार और आपराधिक धमकी का दोषी ठहराया.

द इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक पंचकूला की एक अदालत ने 11 जनवरी को पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या से संबंधित मामले में जेल में राम रहीम और उसके तीन अनुयायियों - कृष्ण लाल, कुलदीप सिंह और निर्मल सिंह को दोषी ठहराया था. 

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