बुरहानपुर.
बुरहानपुर में किसानों का गुस्सा अब आंदोलन में बदल गया है, किसानों ने अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतरकर केला फसल के बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की मांग की. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली, जहां किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई.
किसानों का कहना है कि पूरे देश में केला फसल का बीमा होता है, लेकिन बुरहानपुर में 2018 से इसे बंद कर दिया गया है. खकनार के किसानो ने विरोध के रूप में शर्ट और चप्पल पहनना भी छोड़ दिया है और प्रण लिया है कि जब तक फसल बीमा और MSP नहीं लागू होते, वे कपड़े नहीं पहनेंगे.
किसानों की बड़ी मांग है कि केला फसल पर बीमा लागू किया जाए और MSP पर केला खरीद की व्यवस्था की जाए. किसानों का कहना है कि 2018 से केला फसल बीमा बंद है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. “एक जिला एक उत्पाद” योजना में शामिल होने के बावजूद उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा. हर साल तूफान और बारिश से फसल बर्बाद होती है, लेकिन राहत न के बराबर मिलती है.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान किशोर वासनकर ने बताया कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा का लाभ मिल रहा है. हाल ही आई आपदा में वहां किसानों को करोड़ों रुपए की बीमा राशि दी गई, जबकि मध्यप्रदेश में 2018 से केला बीमा बंद है.
किशोर वासनकर ने भावुक होकर कहा कि हालात इतने खराब हैं कि किसानों के पास दीपावली पर बच्चों के लिए नए कपड़े या पटाखे तक खरीदने के पैसे नहीं हैं. इसलिए उन्होंने प्रण लिया है कि जब तक बीमा और MSP नहीं मिलेगा, तब तक शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे.
किसानों का कहना है कि हमने कई बार जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी समस्या पहले ही पहुंचा दी है, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी के विरोध में मंगलवार को किसानों ने पैदल रैली निकालकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.