MP News: भोपाल के आमजनों का जल्द ही अब घर बैठे बिना गवाहों के दस्तावेज का पंजीयन होगा। तहसील से जुड़े मामलों में आवेदन और शिकायत की सुविधा मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल पर मिलेगी। नगर तथा ग्राम निवेश किसी भी जमीन का ले-आउट मंजूर कराने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। बता दें कि यह सब सुविधा के साथ आम लोगों का काम काफी आसान होने वाला है। अब लोगों का काम आसान होने के साथ साथ जल्द हो जाएगा।
इसकी सुविधा के लिए मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है जिसमें यह सुविधा मिलेगी। इसी के साथ नगर एवं ग्राम निवेश में किसी भी जमीन का लेआउट मंजूर करने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी।
रजिस्ट्री के बाद नामांतरण (transfer of name) के लिए लोक सेवा केंद्र में आवेदन करना होता है। इसके बाद तहसीलदार विज्ञापन जारी करते हैं। कई बार लोग आपत्ति कर अड़चन पैदा करते हैं।
इस प्रक्रिया में पटवारी से लेकर तहसीलदार स्तर तक कई चक्कर काटने होते हैं। बड़े पैमाने पर रिश्वत भी देनी पड़ती है। अब ये सब से इन सब से छूटकारा मिल जाएगा।
इस व्यवस्था के बाद करप्शन खत्म हो जाएगा। दरअसल, भू-अभिलेख राजस्व कोर्ट () में तो सबसे ज्यादा मामले नामांतरण विवाद से ही जुड़े होते हैं। प्रदेश में सालाना दो लाख से ज्यादा रजिस्ट्रियां होती हैं।
इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे अफसरों का तर्क है कि लोगों को बार-बार नामांतरण के लिए SDM दफ्तर के लिए परेशान नही होना पड़ेगा।
इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है। में RCMS पोर्टल पर तहसील के सभी राजस्व मामलों को अपलोड किया गया है। ऑनलाइन नामांतरण, खसरा के क्रय-विक्रय से संबंधित नामांतरणों के प्रकरणों का यहीं से निराकरण तय किया गया है। साइबर तहसील को संपदा, भूलेख पोर्टल, राजस्व प्रकरण प्रबंधन पोर्टल से जोड़ा गया है।