खंडवा : (अनिल बागोरा, पुलकित पुरोहित) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों ने खंडवा में आंदोलन को लेकर दो कर्मचारियों ने सल्फास खा लिया, एक कर्मचारी की हालत गंभीर बताई जा रही हैं. मुख्यमंत्री की तमाम घोषणाओं के बाद भी आला अधिकारी 2016 से ही कर्मचारियों के प्रति उदासीन दिखाई दिए.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खामोशी ने नाराज होकर एक कर्मचारी ने पेट्रोल डालकर जिंदा जलने का प्रयास किया. वहीं इंदौर में भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल कर रहे है. दो दिन पहले वहां भी एक कर्मचारी ने द्वारा जहर खाने की चर्चा है, लेकिन प्रशासन और निगम प्रशासन इस बारे में कुछ भी बोलने से बचता नजर आया.
निकायों में कार्यरत एक सितंबर 2016 तक के सभी संबंधों के दैनिक वेतन भोगी का नियमितीकरण स्थाई कर्मी किया जाए। विभिन्न निकायों ने 30 वर्षों से कार्यरत लगभग 190 सामुदायिक संगठको को नियमित किया जाए। तृतीय एवं चतुर्थ रिक्त पदों पर पूर्व से कार्यरत स्थाई कर्मी नियमित अथवा दैनिक वेतन भोगी को नियमित किए जाए। निकायों को प्रदत्त चुंगीकर यात्रीकर क्षतिपूर्ति राशि से घोषित कटौती बंद की जाए, समझौते अनुरूप क्षतिपूर्ति राशि में वृद्धि की जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। कर्मचारियों को भी 24 जनवरी 2008 से ही समयमान वेतनमान का लाभ देते हुए एरियर राशि का भुगतान किया जाए। निकायों के सेवा भारती नियमों में कंप्यूटर आपेटर के पदों का समावेश किया जाकर पद गठित किए जाए। जबलपुर नगर निगम में 2005 से लंबित पड़ी पेंशन प्रकरण की फाइल में निर्विहगन अति शीघ्र जारी किए जाए। जबलपुर नगर निगम में सेवानिवृत्ति के दौरान कर्मचारियों को उनके स्वायित्वों का 100 प्रतिशत भुगतान नहीं किया जाए।