एप डाउनलोड करें

डिजिटलीकरण से भारत की इन कंपनियों का चमकेगा भविष्‍य

निवेश Published by: Paliwalwani Updated Sat, 19 Feb 2022 11:22 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

नई दिल्ली : डिजिटलीकरण (digitization) से दुनियाभर में तेजी से बदलाव हो रहा है, जिसमें मेटावर्स (metaverse) की भूमिका बढ़ रही है। मेटावर्स (metaverse) की वजह से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (digital ecosystem) में तेज बदलाव के कारण 2032 तक यानी अगले 10 साल में दुनियाभर में डाटा (Data) का इस्तेमाल 20 गुना तक बढ़ जाएगा।

क्रेडिट सुइस (credit Suisse) ने एक रिपोर्ट में कहा कि मेटावर्स (metaverse) में स्मार्टफोन, टेलीविजन या वीडियो गेम कंसोल जैसे उपकरणों के इस्तेमाल में लगने वाला समय और बैंडविड्थ (डाटा स्थानांतरण की अधिकतम दर) की खपत बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।

इंटरनेट ट्रैफिक का प्रवाह(Internet traffic flow) पहले से ही वीडियो में 80 फीसदी है, जो 30 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है। हमारा अनुमान है कि मामूली मेटावर्स का इस्तेमाल भी अगले 10 साल में डाटा इस्तेमाल को 20 गुना तक बढ़ा सकता है। इससे सबसे ज्यादा लाभ दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल को होगा।

5जी से मिलेगी मदद

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जब 5जी सेवाओं को लॉन्च किया जाएगा तो इससे मेटावर्स को काफी मदद मिलेगी। 6जी आने के बाद इसमें और तेजी आएगी। इसमें कहा गया है कि मेटावर्स का शुरुआती दिनों में सबसे ज्यादा असर गेमिंग उद्योग पर दिख सकता है। भारत में गेमिंग अभी शुरुआती चरण में है, जिसमें मेटावर्स के बाद बेतहाशा बढ़ोतरी की उम्मीद है।

बढ़ जाएगा स्क्रीन टाइम

भारत हर दिन मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने वाले देशों में शामिल है। मेटावर्स के आने के बाद भारतीय की स्क्रीन टाइम पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी। इसका असर दूरसंचार कंपनियों की कमाई पर भी पड़ेगा। इससे जियो और भारती एयरटेल (17 फीसदी कमाई फिक्स्ड लाइन से) को सबसे ज्यादा लाभ होगा।

फिक्स्ड ब्रॉडबैंड उपभोक्ता में इजाफा

भारत में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2019-20 में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड उपभोक्ता 6.8 फीसदी थे, 2021-22 में बढ़कर 9 फीसदी तक पहुंच जाएगी। 2024-25 तक यह आंकड़ा 12.60 फीसदी के पार पहुंच जाएगा।

क्या है मेटावर्स

यह एक थ्री डी वर्चुअल रियलिटी है। यह ऑग्युमेंटड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित है।

इस तकनीक की मदद से कोई व्यक्ति पूरी तरह वर्चुअल दुनिया में प्रवेश कर सकता है और उसे वर्चुअल दुनिया ही सच लगने लगती है।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next