नई दिल्ली. अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के बाद नवंबर 2022 में पैसे लेकर ब्लू टिक देने की सर्विस शुरू की. इसका शुरुआत में जमकर दुरुपयोग हुआ. कई शरारती तत्वों ने मशहूर हस्तियों और कंपनियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया, ब्लू टिक खरीदा और अनाप शनाप ट्वीट करने लगे.
ऐसा ही एक फर्जी ब्लू टिक वाला ट्वीट अमेरिका की दिग्गज फार्मा कंपनी एली लिली (Eli Lilly) को 15 अरब डॉलर का नुकसान करा गया. दरअसल, एक ने इस कंपनी के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया और 8 डॉलर देकर ब्लू टिक ले लिया. फिर उसने ट्वीट किया कि अब हमारी इंसुलिन फ्री में मिलेगी.
इससे एली लिली के निवेशकों में हड़कंप मच गया. उन्होंने जमकर बिकवाली की और एली लिली के शेयर करीब 5 फीसदी टूट गए और वो भी बेवजह. इससे कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 15 अरब डॉलर यानी 1.20 लाख करोड़ रुपये घट गया. सिर्फ एक फर्जी खबर से निवेशकों के करोड़ों रुपये खाक हो गए.
यह मिसाल बताती है कि शेयर बाजार कितना संवेदनशील होता है और वह खबरों पर कितनी से रिएक्ट करता है, फिर चाहे वो असली हों या फिर फर्जी. यही वजह है कि भारत का शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) एक नया नियम लाया है, जो अफवाहों से निवेशकों के हितों की हिफाजत करेगा.
मार्केट रेगुलेटर सेबी का नया नियम अभी मार्केट कैप के हिसाब से शीर्ष-100 लिस्टेड कंपनियों के लिए है। इन कंपनियों के संबंध में अगर मीडिया में किसी तरह की बाजार अफवाह, असामान्य घटना या सूचना आती है, तो उन्हें 24 घंटे के भीतर उसकी पुष्टि या खंडन करना होगा।
जैसे कि अगर किसी कंपनी के बारे में अफवाह उड़ती है कि वह किसी अन्य कंपनी से बड़ी डील कर रही है या फिर उसके डायरेक्टर ने इस्तीफा दे दिया है, तो उसे एक दिन के भीतर इसकी पुष्टि या खंडन करना होगा। यह नियम आज यानी 1 जून 2024 से लागू भी हो गया है। शीर्ष-250 कंपनियों के लिए यह नियम एक दिसंबर 2024 से लागू होगा।
एमएमजेसी एंड एसोसिएट्स के फाउंडर मकरंद एम जोशी ने कहा कि इस कदम से ऐसी सूचना लीक होने से रोकी जा सकेगी, जो किसी खास कॉरपोरेट कार्यवाही में मूल्यांकन को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि सेबी की यह पहल अफवाह सत्यापन ढांचे को मजबूत करने और एक निष्पक्ष बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इससे भारत दुनियाभर के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा बाजार बन जाएगा।